नई दिल्ली : ‘फर्जी खबरों’ को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी विवादास्पद दिशा-निर्देश वापस लिए जाने के बाद अब मोदी सरकार ने न्यूज़ पोर्टल और मीडिया वेबसाइट्स के लिए कायदे-कानून बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने न्यूज पोर्टल और मीडिया वेबसाइटों के नियमन के लिए नियम बनाने को लेकर एक कमेटी गठित की है. इस सिलसिले में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है.
चार अप्रैल को जारी आदेश के मुताबिक इस 10 सदस्यीय कमेटी (समिति) में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और गृह मंत्रालय के सचिव शामिल होंगे. इनके अलावा, इसमें विधि विभाग और औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग के सचिव भी रहेंगे.
कमेटी में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई), न्यूज ब्रॉडकॉस्टर एसोसिएशन और इंडियन ब्रॉडकॉस्टर फेडरेशन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, कमिटी को “ऑनलाइन मीडिया/न्यूज पोर्टल और ऑनलाइन सामग्री प्लेटफॉर्म के लिए उपयुक्त नीति तैयार करने की सलाह देनी होगी.
आदेश में कहा गया कि ऑनलाइन मीडिया वेबसाइटों और न्यूज पोर्टल के नियमन के लिए कोई नियम या दिशानिर्देश नहीं है. इसलिए, डिजिटल प्रसारण एवं मनोरंजन/ इंफोटेनमेंट साइटों और न्यूज/ मीडिया एग्रेगेटर सहित ऑनलाइन मीडिया/ न्यूज पोर्टल के लिए एक नियामक ढांचे का सुझाव देने तथा उसे बनाने के लिए एक कमेटी गठित करने का फैसला किया गया है.
यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले स्मृति ईरानी के मंत्रालय ने फेक न्यूज दिखाने वाले पत्रकारों के लिए विवादास्पद दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें कहा गया था कि अगर कोई भी पत्रकार ‘फेक न्यूज’ दिखाता है तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. हालांकि, मंत्रालय के इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामंजूर कर दिया था.