जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची के साथ मंदिर में गैंगरेप और मर्डर के मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने बड़ा फैसला लेते हुए कठुआ बार एसोसिएशन के खिलाफ जाँच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है.
बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने रविवार को कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले वकीलों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. इस कमिटी की अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस तरुण अग्रवाल करेंगे.
उन्होंने बताया कि यह कमिटी जल्द ही जम्मू, कठुआ और दूसरे इलाकों में जाकर जांच करेगी और बीसीआई को अपनी रिपोर्ट सोपेंगी. बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ‘बैठक में हम लोगों ने फैसला लिया कि 5 सदस्यीय टीम इस केस की जांच करेगी. यह टीम कठुआ और जम्मू जाकर लोगों से बार असोसिएशन की प्रणाली के बारे में बात करेगी.’
If any lawyer is found guilty in the case, we have the rights to cancel their license for a lifetime: Manan Kumar Mishra, Bar Council of India (BCI) chairman #Kathua rape and murder case pic.twitter.com/h3zVxvfIki
— ANI (@ANI) April 15, 2018
उन्होंने कहा, ‘समिति अपनी रिपोर्ट हमें सौंपेगी, जिसे हम 19 को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे. हम सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त 2 दिनों का समय देने की अपील करेंगे. हमने जम्मू बार असोसिएशन को तत्काल हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया है.’ मिश्रा ने कहा कि अगर कोई वकील दोषी पाया गया, तो काउंसिल कानूनी प्रैक्टिस का उसका लाइसेंस रद्द करेगा.
वहीँ दूसरी और कठुआ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कीर्ति भूषण महाजन ने बताया कि कठुआ बार एसोसिएशन ने 12 अप्रैल से हड़ताल वापस ले ली है और सोमवार से बार एसोसिएशन के सभी सदस्य काम पर लौटेंगे.