जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कठुआ में नाबालिग से गैंगरेप और हत्या मामले में चार्जशीट दाखिल कर पुरे मामले की हकीकत सामने लाकर रख दी है. जिसके अनुसार, मुस्लिमों से नफरत 8 साल की आसिफा की दर्दनाक मौत का सबब बनी है.
दरअसल, आसिफा खानाबदोश मुस्लिम समुदाय से थी. उस बकरवाल समुदाय से, जो कठुआ में अल्पसंख्यक है. और हिंदू परिवारों की बकरवालों से अतिक्रमण और आबादी में घुसपैठ के चलते लड़ाई होती रहती है.
ऐसे में मास्टरमाइंड रिटायर्ड राजस्व अधिकारी सांजी राम ने बकरवाल समुदाय के मुसलमानों को कठुआ से हर खदेड़ने के लिए इस घिनौने अपराध के लिए अपने भतीजे और अन्य 6 लोगों को उकसाया. ताकि इस घटना के बाद बकरवाल समुदाय खौफ में आ जाए और वो कठुआ छोड़कर चले जाएं.
चार्जशीट के अनुसार, सांजी ने, जानवरों को चराने के लिए, जमीन नहीं देने के लिए हिंदुओं को बकरवाल समुदाय के खिलाफ उकसाया. इतना ही नहीं उसने तहसील में हिंदू समुदाय के बीच आम धारणआ बनाई कि बकरवाल गाय की हत्या और नशीले पदार्थों की तस्करी करने में लगे हैं.

चार्जशीट में बताया गया कि 10 जनवरी को राम के भतीजे और उसके दोस्त मन्नू ने बच्ची को भटका कर जंगल में रेप किया और अगवा कर लिया. फिर नाबालिग बच्ची को एक मंदिर में रखा गया. उसे हाई डोज की ‘क्लोनाजेपम’ नाम की नशीली दवा दी गयी ताकि वो चीख ना सके.
11 जनवरी को किशोर आरोपी ने सांजी राम के बेटे विशाल जंगोत्रा को लड़की के किडनैपिंग के बारे में जानकारी दी. कहा कि अगर वह भी हवस बुझाना चाहता है तो मेरठ से आ जाए. बच्ची के पिता मोहम्मद यूसुफ ने 12 जनवरी को हीरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई.
13 जनवरी को बच्ची के साथ विशाल जंगोत्रा और किशोर ने रेप किया. 14 जनवरी को सांजी राम के निर्देश पर बच्ची को मंदिर से हटाया गया और उसे खत्म करने के इरादे से मन्नू , जंगोत्रा और किशोर उसे पास के जंगल में ले गए. खजुरिया भी मौके पर पहुंचा और उनसे इंतजार करने को कहा क्योंकि वह बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ फिर से बलात्कार करना चाहता था. बच्ची से एक बार फिर सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में किशोर ने उसकी हत्या कर दी.
किशोर ने बच्ची के सिर पर एक पत्थर से 2 बार वार किया और उसके शव को जंगल में फेंक दिया. दरअसल, गाड़ी का इंतजाम नहीं हो पाने के चलते नहर में शव को फेंकने की उनकी योजना नाकाम हो गई थी. उसके शरीर को फिर देवस्थान मंदिर पर लाया गया. दूसरे दिन उसे जंगल में फेंक दिया गया.
जांच से इस बात का खुलासा हुआ है कि राम ने मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को 4 लाख रूपये 3 किस्तों में दिए. आरोपी पुलिस अधिकारियों ने मृतका के कपड़े फारेंसिक लैब में भेजने से पहले उसे धोकर किस तरह से अहम सबूत नष्ट किए और मौके पर झूठे साक्ष्य बनाए.
High Drama outside CJM Court in Kathua.Lawyers prevented Crime Branch from filing chargesheet into gang rape and murder of 8 year of nomad girl.police reinforcement rushed to facilitate the entry of CB officials into the court. #JusticeforAsifa pic.twitter.com/cbSFqS7hCw
— Wajahat Farooq Bhat (@Wajahatfarooqbt) April 9, 2018
गिरफ्तारी के बाद एक तबका बलात्कारियों के पक्ष में खड़ा हो गया. इसकी अगुवाई कोई और नहीं, बल्कि ‘हिंदू एकता मंच’कर रही है. ‘भगवा’ के साथ तिरंगा झंडा लेकर बलात्कार के आरोपियों के बचाव में धरना-प्रदर्शन किये गये. ये समूह बीजेपी नेता लाल सिंह चौधरी और चंदर प्रकाश गंगा (दोनों पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्री हैं) के संरक्षण में संचालित हो रहा है.