जम्मू के कठुआ जिले में आठ साल की असीफा के साथ मंदिर में हुए बलात्कार और हत्या के मामले में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि उनकी पुलिस हिंदू या मुस्लिम के आधार पर अपनी जांच नहीं करती. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इससे बदतर कुछ और नहीं हो सकता.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक डीजीपी एसपी वैद ने कहा, ‘यह बहुत जघन्य अपराध है. इससे बदतर कुछ नहीं हो सकता. विशेष जांच दल (एसआईटी) ने काफी पेशेवर तरीके से काम किया है और चार्जशीट दायर की है. हमें उम्मीद है कि मामले में पूरा न्याय होगा.’
एनडीटीवी से बाथित में डीजीपी ने कहा कि क्राइम ब्रांच और स्पेशल टीम ने इस पूरे मामले की जांच प्रोफेशनल तरीके से की है. जांच के दौरान हमनें मामले में शामिल अपने पुलिस के लोगों को भी नहीं छोड़ा है, जिन्होंने इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी.
उन्होंने कहा कि इस मामले हमें अभी तक दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर को भी गिरफ्तार किया है. तो हमारे कुल चार लोग जिन्होंने किसी न किसी वजह से आरोपियों का साथ दिया को भी हमनें छोड़ा है. इससे आप जांच के दौरान बरती गई निष्पक्षता का अंदाजा लगा सकते हैं.
वहीँ जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी सरकार नाबालिगों से बलात्कार करने के दोषियों के लिए मौत की सजा देना अनिवार्य करने के लिए एक नया कानून लाएगी. उन्होंने मांग की कि कठुआ गैंगरेप-हत्या मामले के दोषियों को ऐसी सजा दी जाए जो एक उदाहरण हो.