हीरा कारोबारी नीरव मोदी की तर्ज पर तमिलनाडु में एक गोल्ड जूलर 14 बैंकों को सैकड़ों करोड़ का चूना लगाकर देश छोड़ फरार हो गया है.
कनिष्क गोल्ड को लोन देने वाले सरकारी व निजी क्षेत्र के 14 बैंकों का लीड बैंक होने के नाते स्टेट बैंक ने इस साल जनवरी में सीबीआई से इस धोखाधड़ी की शिकायत की है लेकिन जांच एजेंसी ने अभी तक इस मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं की है.
कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर भूपेश जैन ने 2007 में बैंकों से कर्ज लेना शुरू किया. लेकिन मामला अप्रैल 2017 में सामने आया जब भूपेश जैन की कम्पनी द्वारा बैंको को भुगतान करना बंद कर दिया गया. बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा दिए गए 824 करोड़ के लोन पर ब्याज जोड़ने पर यह रकम 1000 करोड़ रुपये बैठती है.

भूपेश जैन बैंको का भुगतान किेए बिना अब देश छोड़कर विदेश भाग चुका है. समझा जाता है कि यह दंपती मॉरीशस में मौजूद है. एसबीआई ने भूपेश जैन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्ज लेने और रातों रात अपने सभी शोरूम और फैक्टरी को बंद करने का आरोप लगाया है.
मद्रास जूलर्स एंड डायमंड मर्चेंट्स एसोसिएशन के का कहना है कि नुकसान से उबर न पाने के कारण कनिष्क गोल्ड ने मई, 2017 में अपना कारोबार बंद कर दिया.
किस बैंक पर कितना बकाया
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया: 215 करोड़
- आईसीआईसीआई बैंक: 115 करोड़
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 50 करोड़
- सिडिकेट बैंक: 50 करोड़
- बैंक ऑफ इंडिया: 45 करोड़
- IDBI बैंक: 45 करोड़
- यूको बैंक: 40 करोड़
- तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक: 37 करोड़
- आंध्रा बैंक: 30 करोड़
- बैंक ऑफ बड़ौदा: 30 करोड़
- HDFC बैंक: 25 करोड़
- सेंट्रल बैंक: 20 करोड़
- कॉरपोरेशन बैंक: 20 करोड़