23 मार्च से सशक्त लोकपाल और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग लेकर रामलीला मैदान पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरुवार को अपना अनशन खत्म कर लिया है.
अन्ना सत्याग्रह के प्रवक्ता जयकांत ने कहा है कि केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति से संबंधित अन्ना की एक बड़ी मांग मान ली. सरकार ने लोकपाल को प्रधानमंत्री, सांसदों, मंत्रियों और विधायकों पर कार्रवाई की शक्तियां दिलाने का वादा किया है.
सरकार ने अन्ना को भरोसा दिलाया है कि वह लोकपाल की नियुक्ति शीघ्र करेगा. इस समय यह प्रावधान है कि लोकपाल प्रधानमंत्री, एमपी, एमएलए और कैबिनेट मिनिस्टर की जांच नहीं कर सकता. हमने सरकार से यह धाराएं हटाने को कहा था. तभी लोकपाल मजबूत होगा. हमने कहा था कि लोकपाल को मजबूत बनाईए, फिर नियुक्ति करिए. इस सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा है कि इस बारे में लोकसभा में संशोधन का प्रस्ताव आएगा. जिन मसलों पर सरकार को संसद में जाना है उन पर अन्ना ने तीन माह का समय दिया है. मांगें पूरी न होने पर फिर अन्ना धरने पर बैठेंगे.
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे मुलाकात की और अनशन तुड़वाया. अनशन तोड़े जाने के दौरान केंद्रीय कृषि राज्य गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे. फडणवीस ने अन्ना को जूस पिला कर उनका अनशन खत्म कराया.
अन्ना हजारे 23 मार्च से अनशन पर थे और आज उनके अनशन का सातवां दिन था. उनके सहयोगी दत्ता अवारी ने बताया कि अनशन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना का वजन पांच किलोग्राम से ज्यादा घट गया और उनका रक्तचाप भी गिर गया.