दिल्ली दं’गों में जल गई थे घर के साथ किताबें, नरगिस ने 12वीं की परीक्षा में किया कमाल

कक्षा 12वीं की छात्रा नरगिस नसीम पर उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट गया। जब दिल्ली दं’गों के दौरान दंगाइयों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया। जिसमे उनकी सारी किताबे जल कर खाक हो गई। हिंसा वाले दिन 24 फरवरी को नरगिस का शारीरिक शिक्षा का पेपर था। वह पेपर देने निकली थी कि रास्ते में ही उसके घर के पास खजूरी खास में हिंसा भड़क गई।

अपने एक रिश्तेदार के साथ परीक्षा देने गई नरगिस सकुशल घर वापस तो लौट आई लेकिन अगले दिन ही दंगाइयों ने उसका घर जला दिया और उसे परिवार के साथ किराए के कमरे में रहना पड़ा जहां अन्य हिंसा पीड़ित लोग रह रहे थे। हालांकि उसके माता-पिता ने हिम्मत नहीं हारी और चंदा इकट्ठा कर बेटी नरगिस के लिए किताबें लाए। इसके बाद उसने मात्र एक परीक्षा दी थी और वो थी राजनीति शास्त्र जिसके बाद परीक्षाओं पर कोरोना वायरस का ग्रहण लग गया और सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गईं।

इन चार महीनों में जब तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुए थे, तब तक वह बस यही मान रही थी कि उसके ठीक-ठाक नंबर आ जाएंगे क्योंकि उसने जिन दो विषयों के पेपर दिए थे वो अच्छे हुए थे। लेकिन बीते सोमवार को जब सीबीएसई ने 12वीं के रिजल्ट घोषित किए तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। वह परीक्षा में 62 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण हुई है।

अमर उजाला के अनुसार, वह बताती है कि मेरे शारीरिक शिक्षा के पेपर के दिन मैं घर से निकली तो गोकुलपुरी के स्कूल जाते वक्त हिंसा भड़की हुई देखी। उस दिन घर लौटते वक्त हमें कोई साधन नहीं मिला और हमें पैदल गलियों से होकर घर वापस आना पड़ा।

नरगिस के अंकल सलीम ने परिवार की बहुत मदद की। उनका कहना है कि बच्ची ने बहुत अच्छा किया है और हम सबको उस पर नाज है। ऐसी परिस्थितियों के बाद भी वह 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाई है। यह हमारे लिए बहुत है क्योंकि कुछ माह पहले हम अपनी जान बचाने के लिए भी भाग रहे थे।

हालांकि नरगिस को अफसोस है कि अगर हालात सामान्य होते तो वह और अच्छे अंक लाती। उसने बताया कि एक एनजीओ ने उसे किताबें मुहैया कराईं और पढ़ाई में भी मदद कर रही थी। वैसे तो सीबीएसई जो पेपर कैंसिल हैं उनकी दोबारा परीक्षा कराएगी लेकिन तब तक देर हो जाएगी। नरगिस फैशन डिजाइनर बनना चाहती है और इस समय कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रही है।

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