
मुंबई। ‘मेक इन इंडिया’ को भारत का अब तक का सबसे बड़ा ब्रांड बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों को विश्वसनीय और पारदर्शी कर प्रणाली और सरल लाइसेंसिंग और मंजूरी प्रक्रिया का वादा किया। मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह के उद्घाटन कार्य्रकम में निवेशकों को ये आश्वासन देते हुए कहा कि हम पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था बहाल नहीं करेंगे। हम अपनी कर प्रणाली को पारदर्शी, स्थिर और विश्वसनीय बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लाइसेंस, सुरक्षा और पर्यावरणीय मंजूरी जैसी प्रक्रियाओं को भी सरल कर रहे हैं। इस अवसर पर कई देशों के शीर्ष नेता, उद्योगपति और विदेशी प्रतिनिधि मौजूद थे।
मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया ब्रांड ने संस्थानों, उद्योगों, व्यक्तियों और मीडिया की कल्पना को पकड़ा है। यह हमारी सामूहिक इच्छा को परिलक्षित करता है और हमें सुधार करने और दक्षता बढाने को प्रोत्साहित कर रहा है। मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए भारत संभवत: सबसे खुला देश है। मई 2014 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से एफडीआई प्रवाह 48 फीसदी बढ़ा है।
मोदी ने कहा कि हम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना चाहते हैं, और अब चौतरफा जोर व्यापार सुगमता पर है। मोदी ने कहा कि भारत तीन ‘डी’- डेमो्रकेसी (लोकतंत्र), डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) और डिमांड (मांग) का वरदान है और हमने इसमें एक और डी, डिरेग्यूलेशन (विनियमन) जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों के स्तर पर भी बदलाव आ रहे हैं और व्यापार सुगमता और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिहाज से राज्यों के बीच भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है।
मोदी ने कहा कि 2014-15 में भारत ने वैश्विक वृद्धि में 12.5 फीसदी का योगदान किया। वैश्विक वृद्धि में इसका योगदान, विश्व अर्थव्यवस्था में इसके हिस्से की तुलना में 68 फीसदी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अनेक वैश्विक एजेंसियां और संस्थाएं लगातार भारत को सबसे आकषर्क निवेश गंतव्य के रूप में दर्जा दे रही हैं। हमारे युवा उद्यमी हमें उद्यमिता और आपूर्ति (डिलीवरी) के नई और त्वरित राहें दिखा रहे हैं और मेरी सरकार उनके सहयोग को प्रतिबद्ध है।
मोदी ने कहा कि उद्योगपतियों को मेरी मित्रवत सलाह है कि इंतजार नहीं करें, आराम नहीं करें’ भारत में असीमित अवसर हैं। मेक इन इंडिया सप्ताह का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकषिर्त करना और सफलता की गाथाओं को दिखाना है। इसके लिए मध्य मुंबई में बांद्रा कुर्ला परिसर में विशेष स्थल तैयार किया गया है। मोदी ने कहा कि देश की 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम आयु की है जो कि हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
मोदी ने कहा कि भारत ने एक साल पहले मेक इन इंडिया अभियान युवाओं के लिए रोजगार, स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया था। उन्होंने कहा कि एक साल में मेक इन इंडिया भारत का अब तक सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है। उन्होंने कहा कि जब हमने मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत की, देश में विनिर्माण वृद्धि 1.7 फीसदी थी। इस साल इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मौजूदा तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 12.6 फीसदी रहने की अपेक्षा है।
मोदी ने कहा कि आज, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए भारत संभवत: सबसे खुला देश है। अधिकांश एफडीआई क्षेत्रों को स्वत: मंजूरी के दायरे में रखा गया है। मेरी सरकार के सत्ता में आने के बाद से एफडीआई प्रवाह 48 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2015 में एफडीआई प्रवाह देश में सबसे अधिक प्रवाह रहा। यह प्रवाह ऐसे समय में हुआ जबकि वैश्विक एफडीआई में अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई।
संपत्ति व अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि हमने मध्यस्थता प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक कानून पहले ही बना दिया है। हम विशेष वाणिज्यिक अदालतें और उच्च न्यायालयों की वाणिज्यिक पीठ स्थापित कर रहे हैं। कंपनी कानून न्यायाधिकरण का गठन अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावी आईपीआर नीति और पेटेंट प्रणाली की व्यवस्था शीघ्र ही लागू करेगी और उसे दिवाला कानून पारित होने की उम्मीद है जिसे संसद में पेश किया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘इस तरह से नीति व प्रक्रिया के मोर्चे पर हमने अपनी प्रणालियों को साफ, सरल, अति सक्रिय और व्यापार अनुकूल बनाया है। (ibnlive)