
अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए सौंपे जाने की वकालत करने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से निष्कासित किए जा चुके मौलाना सलमान नदवी ने अपने कदम पीछे खींच लिए. उनका कहना है कि इस मामले में अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही इंतजार है.
श्री श्री रविशंकर से मुलाकात के बाद शुक्रवार को नदवी ने कहा कि ‘अयोध्या मसले में हम कोई पक्षकार नहीं हैं। राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को हमने अपने एजेंडे से निकाल दिया है, अयोध्या मसले के जो पक्षकार हैं वो इसे खुद सुलझाएं. इस मसले को बाहर सुलझाने के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड तैयार नही है, न ही कोई अन्य पक्ष फिर बाहरी लोगो से बात करने से क्या फायदा. मैं इस मामले में पक्षकार नही हूं इसलिये अब मै इस मामले से मै अपने को अलग कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि अब वह इस मामले पर नही बोलेंगे और अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह तभी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में लौटेंगे, जब असदुद्दीन ओवैसी और कमल फारूकी सहित चार लोगों को बोर्ड से बाहर नहीं निकाल दिया जाता.
I disassociate myself from the Ram Mandir issue. We will wait for the judgement of court. I will only return to the AIMPLB if four persons including Asaduddin Owaisi and Kamal Faruqui are removed : Maulana Salman Nadvi pic.twitter.com/xYjG6zRYbL
— ANI (@ANI) March 2, 2018
ध्यान रहे नदवी ने इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के बोर्ड के खिलाफ जाते हुए कहा था कि हंबली मसलक के मुताबिक, मस्जिद दूसरी शिफ्ट की जा सकती है. हम मस्जिद में बुत नहीं रख रहे, बल्कि मस्जिद शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं. ये देश और मुसलमानों के हित में है.
इस बयान के बाद बोर्ड ने नदवी को बाहर का रास्ता दिखा दिया. AIMPLB का कहना है कि वह अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा, जिसके अनुसार, मस्जिद को न तो गिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है और न शिफ्ट किया जा सकता है.