ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को पत्र लिखकर जवाब दे दिया कि बोर्ड को अयोध्या विवाद में केवल कोर्ट का फैसला ही मंजूर है.
बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी वली रहमानी ने पत्र में कहा कि ‘खुदा हम सबको इंसाफ और अमन का रास्ता दिखाए’. उन्होंने पत्र में लिखा कि श्री श्री रविशंकर की और से केवल एक पक्ष की बात कही गई, जिसमें दूसरे पक्ष के लिए कोई गुंजाइश नहीं रखी गई.
उन्होंने कहा कि अगर आप (श्री श्री) कोई ऐसा फार्मूला पेश करते जो इंसाफ और कानून के मुताबिक हो तो इसका वैसा ही जवाब दिया जाता. आपने (श्री श्री) मुसलमानों से अपने हक की दस्तबरदारी (छोड़ना) करने का मुतालबा किया है जो न पहले कुबूल था और न ही आज कुबूल है.
मौलाना ने कहा कि अदालत का फैसला कुछ भी हो सकता है. ऐसे में हमारा ख्याल है कि दूसरा पक्ष भी जो संविधान और अदालत पर विश्वास रखते हैं, वह भी अदालत का फैसला तसलीम करने का ऐलान करें.
पत्र म ये भी कहा गया कि आप (श्री श्री) अपना ताअर्रुफ रूहानी रहनुमा की हैसियत से कराते हैं, लेकिन आप एक ही पक्ष की बात कर रहे हैं. इसके साथ मस्जिद के हक में फैसले पर एक पक्ष को उकसाने की बात कर रहे हैं. जनरल सेक्रेट्री ने श्री श्री से गुजारिश करे हुए कहा कि आप हिंदू भाइयों से और पूरे मुल्की मआशरे से यह अपील करें कि वह अदालत के फैसले को मानें. इससे ही अमन कायम हो सकता है.