बकरीद पर मोहम्मद कमरुज्जमा ने पेश की इंसानियत की मिसाल, कुर्बानी के लिए रखे पैसो से की बाढ़ पीडितो की मदद

पटना | आज पुरे देश में बकरीद का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढने के बाद बकरे की कुर्बानी देते है. इस लिए बकरीद से दो हफ्ते पहले ही पुरे देश में बकरे की खरीद फरोख्त शुरू हो जाती है. आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी मेहनत की कमाई से कुछ पैसे बचाकर रखते है जिससे की वो बकरीद के मौके पर बकरे खरीद सके. वैसे भी इस समय बकरों की कीमत में भारी उछाल देखने को मिलता है.

इसी बीच बकरीद के मौके पर बिहार के एक शख्स ने इंसानियत की बड़ी मिसाल पेश की है. इस शख्स ने कुर्बानी के लिए रखे पैसे को बाढ़ पीड़ितो की मदद के लिए खर्च का फैसला किया है. उनका कहना है की त्यौहार हर साल आते है लेकिन इंसानियत के लिए कोई नेक काम करना ज्यादा जरुरी है. उनके इस काम की पुरे इलाके में चर्चा हो रही है. लोगो का कहना है की बकरीद के पाक मौके पर कुर्बानी न देकर इंसानिय का रास्ता चुनना बेहद तारीफ के काबिल है.

जब मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद से पहले बकरों की खरीदारी कर रहे थे तब बिहार के रहने वाले मोहम्मद कमरुज्जमा , कुर्बानी के लिए रखे पैसे से बाढ़ पीडितो की मदद कर रहे थे. जब इस बारे में उनसे बात की गयी तो उन्होंने बताया की उन्होंने बकरीद के मौके पर कुर्बानी के लिए 60 हजार रूपए बचाकर रखे थे. लेकिन जब उन्होंने कोसी से जुड़े इलाके में बाढ़ से आई तबाही को देखा तो उन्होंने उनकी मदद करने का फैसला किया.

65 साल के मोहम्मद कमरुज्जमा ने बताया की उन्होंने कुर्बानी के लिए रखे 60 हजार रूपए को बाढ़ पीडितो की मदद में खर्च करने का फैसला किया. इसलिए मैंने दिन रात मेहनत करके बाढ़ पीडितो के लिए राहत सामग्री के पैकेट तैयार किये. इन पैकेट्स में 5 किलो चूड़ा, 1.25 किलो चना, एक किलो चीनी, एक टॉर्च, एक किलो मसूर दाल, आधा किलो नमक डाला गया है. इन सामग्री को बाढ़ पीडितो के बीच वितरित करने के लिए उन्होंने अपने बेटे को बाढ़ ग्रसित इलाको में भेजा है.

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