
नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच आरटीआई में पीएम मोदी की नागरिकता के बारे में आरटीआई से जानकारी मांगी गई तो जवाब में पीएम मोदी के भारत में जन्म लेना ही नागरिकता का आधार माना गया।
जानकारी के अनुसार, पानीपत के रहने वाले पीपी कपूर ने आरटीआई दाखिल कर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों/ मंत्रीगण के भारतीय नागरिक होने संबंधी सबूतों की सत्यापित छायाप्रति प्रत्येक के नाम सहित सूचना मांगी थी।
जिसके जवाब में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नागरिकता अधिनियम 1955’ के अनुभाग-3 के अंतर्गत जन्म से भारत के नागरिक हैं। इससे पहले हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नागरिकता से जुड़ा कोई भी दस्तावेज़ हरियाणा सरकार के पास नही होने की जानकारी दी थी। हरियाणा सरकार के पास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों और राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं।
RTI query reveals that Haryana govt doesn't have documents to prove citizenship of @cmohry @mlkhattar.@cmohry had promised to implement #CitizenshipAmendmentAct during poll campaign in September last year.@ndtv pic.twitter.com/AvhgcCswl7
— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) March 4, 2020
पीपी कपूर की आरटीआई में हरियाणा के पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर ने कहा कि उनके रिकॉर्ड में इस संबंध में ये जानकारी नहीं है। इस जवाब में कहा गया है, ‘आपका पत्र मूल रूप में लौटाते हुए आपको सूचित किया जाता है कि मुख्यमंत्री सचिवालय शाखा के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। आपके द्वारा मांगी गई जानकारी निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध हो सकती है। अत: आप संबंधित जानकारी के लिए निर्वाचन आयोग से पत्राचार करें।’
हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एनआरसी के खिलाफ विधानसभा में पेश प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि मेरे परिवार और पूरे कैबिनेट के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं। केजरीवाल का कहना था कि इस स्थिति में सभी को एनपीआर के तहत डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा।