चीन और पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके लोगों की संपति को नीलाम कर केंद्र सरकार 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करने वाली है.
ध्यान रहे देश भर में 9,400 शत्रु संपत्तियां है. जिनकी कीमत 1 लाख करोड़ से भी अधिक है. हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने 49 साल पुराने शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन किया है. जिसके तहत इन संपतियो पर अब उनके वारिसों का भी अधिकार नहीं रहता.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हाल ही में एक बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह को यह जानकारी दी गई थी कि 6,289 शत्रु संपत्तियों का सर्वे कर लिया गया है और बाकी 2,991 संपत्तियों का सर्वे किया जा रहा है.’ इसके बाद गृह मंत्री ने आदेश दिया कि ऐसी संपत्तियां, जिनमें कोई बसा नहीं है, उन्हें खाली करा लिया जाए, ताकि जल्द उनकी बोली लगवाई जा सके.
9,400 शत्रु संपत्तियां में से पाकिस्तान जाने वाले लोगों की ओर देश में कुल 9,280 प्रॉपर्टीज हैं. इनमें सबसे ज्यादा 4,991 प्रॉपर्टीज उत्तर प्रदेश में हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ऐसी 2,735 प्रॉपर्टीज हैं. इसके अलावा राजधानी दिल्ली में ऐसी 487 संपत्तियां है.
इसके अलावा 126 संपत्तियां उनलोगों की हैं, जिन्होंने चीन की नागरिकता ले ली. चीन के नागरिकों से जुड़ी सबसे ज्यादा 57 शत्रु संपत्तियां मेघायल में हैं, जबकि 29 पश्चिम बंगाल में हैं. असम में ऐसी 7 प्रॉपर्टीज हैं. सरकार ने राजा महमूदाबाद के क्लेम के बाद इस एक्ट में संसोधन किया था. राजा महमूदाबाद की उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल में कई सारी ऐसी प्रॉपर्टी हैं.