दरभंगा । हाल ही में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे एक कश्मीरी छात्र मन्नान वानी के लापता होने की ख़बर आयी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया की लापता छात्र, आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया है। इस ख़बर की पुष्टि उसकी एक तस्वीर से हुई जिसमें वह एके-47 हथियार के साथ दिखायी दिया। इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही देश की जाँच एजेन्सी के कान खड़े हो गए।
फ़िलहाल लापता छात्र का कोई अता पता नही है। जबकि इस मामले में हिज़्बुल के प्रमुख ने छात्र के इस क़दम का स्वागत किया है। उधर अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए उनकी कश्मीर नीति पर सवाल उठाए है। उसमनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा की सिर्फ़ कश्मीर की ही नही कश्मीरियो की भी बात होनी चाहिए।
अपने पैतृक गाँव पहुँचे उसमनी ने मन्नान वानी के कथित आतंकी संगठन में शामिल होने पर कहा की केंद्र सरकार को घेरा और कहा कि अगर मन्नान वानी ने आतंक का रास्ता चुना और हिज़बुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा तो इसके लिए केंद्र की सरकार की हार्ड लाइनर कश्मीर की पॉलिसी जिम्मेवार है। इसलिए सरकार को कश्मीर नीति की समीक्षा करनी चाहिए।
उस्मानी ने आगे कहा की अगर एक रीसर्च स्कूलर आतंक की राह पकड़ रहा है तो सरकार इस पर शोध करनी चाहिए की आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है? उस्मानी ने मन्नान वानी को आतंकी घोषित करने पर मीडिया की खिंचाई की। इसके अलावा उसने एक हफ़्ते का अलीटमेटम देते हुए कहा की अगर वानी एक हफ़्ते में बरामद नही होता तो हम इसके लिए आंदोलन करेंगे।