कर्नाटक के बीदर ज़िले के मुरकी में व्हाट्सएप पर फैली बच्चा चोरी की अफ़वाह के चलते भीड़ ने पीट-पीटकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद आजम की हत्या कर दी।बावजूद मोदी सरकार अब तक इन अफवाहों को रोकने के लिए कोई कड़ा कदम नहीं उठा पाई है।
एक बार फिर से मोदी सरकार ने फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी को कहा है कि यदि वह सोशल मीडिया अफवाहों के खिलाफ मूकदर्शक बने रहे तो उन्हें खिलाफ कानूनी कारवाई की जा सकती है। मिनिस्टरी ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी ने व्हाट्सएप को अफवाहों की समस्या रोकने का ज्यादा प्रभावी हल निकालने का निर्देश दिया है।
केन्द्र सरकार ने अपने एक बयान में कहा है कि “जब शरारती तत्वों द्वारा अफवाह और झूठी खबरें फैलायी जाती हैं, तो ऐसे में जो माध्यम इस तरह की अफवाह के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं, वो अपनी जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व से नहीं बच सकते। यदि ये माध्यम अपनी जिम्मेदारी के प्रति मूकदर्शक बने रहेंगे तो उन्हें इसके लिए कानूनी कारवाई का सामना करना पड़ेगा।”
सरकार का आरोप है कि व्हाट्सएप अफवाहों के मामले पर जरुरी ध्यान नहीं दे रहा है। सरकार का कहना है कि यह बेहद ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है और इस पर ज्यादा प्रभावी तरीके से ध्यान दिए जाने की जरुरत है।
बता दें कि बीते दिनों 3 जुलाई को महाराष्ट्र के धुले में लोगों की हिंसक भीड़ ने 5 लोगों की बच्चा चोरी की अफवाह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद भी केंद्र की और से व्हाट्सएप को चेतावनी जारी की गई थी। जिस पर व्हाट्सएप ने सरकार को दिए अपने जवाब में फेक न्यूज पर लगान लगाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था।