देश भर में कथित गौरक्षकों द्वारा मुस्लिम और दलित समुदाय के लोगों पर हिंसा को लेकर पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 80 फीसदी गौरक्षकों को फर्जी और असामाजिक कार्यों में लिप्त बताये जाने को लेकर हिंदू महासभा भड़क गई है.
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने इस मामले में कहा है कि अगर गौ रक्षा में कुछ घटनाएं हो जाती हैं तो मारपीट करने वालों को जेल भी जाना पड़ता है. लेकिन 70-80 फीसदी लोगों को अपराधी कहना बिल्कुल गलत है.
न्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में मोदी ने गौ हत्या पर रोक लगाने का वादा किया था, लेकिन गौ हत्या उसके बाद और बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि अगर एक भी गौ रक्षक गिरफ्तार हुआ तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे. मोदी संसद में ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं.
गौरतलब रहें कि शनिवार को पीएम ने कहा था कि लोग रात भर काले काम करते हैं और सुबह गौरक्षक बन जाते हैं. अगर राज्य सरकारें गौरक्षक होने का दावा करने वालों की लिस्ट निकालेंगी तो 70 से 80 फीसदी गौरक्षक फर्जी ही निकलेंगे.