नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि तीन तलाक की कुरीति ने मुस्लिम महिलाओं-बहनों की जिंदगी को तबाह कर दिया है। जिनको तलाक नहीं मिला है वे भी दबाव में हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मुस्लिम महिलाओं, बहनों और बेटियों को न्याय और हक के लिए हर प्रयास करूंगा।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन महिलाओं को इस कुरीति से मुक्ति दिलाने के लिए संसद में कानून बनाना चाहती थी इसके लिए विधेयक लाया गया लेकिन संसद के इस सत्र में भी उसे पारित नहीं कराया जा सका क्योंकि कुछ लोग इसे पारित नहीं होने देना चाहते।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश की माताओं, बहनों और मुस्लिम बेटियों को विश्वास दिलाता हूं कि उनके न्याय और हक को पूरा करने में कुछ भी कमी नहीं रखुंगा। उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करके रहूंगा। सरकार तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए संसद में विधेयक लाई थी जिसे लोकसभा ने पारित कर दिया था लेकिन विपक्ष की आपत्तियों की वजह से ये राज्यसभा में पारित नहीं हुआ।
The practice of Triple Talaq has caused great injustice to Muslim women. We are striving to end this practice but there are some people who are not wanting it to end. I promise the Muslim women that I will work to ensure justice is done to them: PM Modi pic.twitter.com/FM0LO1Wp8k
— ANI (@ANI) August 15, 2018
महिलाओं के साथ हो रही हिंसक घटनाओं पर उन्होने कहा कि रेप के शिकार लड़की को तो पीड़ा होती है, लेकिन जितनी पीड़ा उस लड़की को होती है, उससे ज्यादा पीड़ा हमे इस समाज के लोगों को होनी चाहिए। इस राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों के अंदर भय पैदा करना होगा। पिछले दिनों मध्य प्रदेश में बलात्कारियों को पांच दिन में सजा सुना दी गई है। राजस्थान में भी दोषियों को फांसी की सजा हुई है। हमें इसे प्रचारित करना होगा और इस विकृति पर हमला करना होगा। कानून का शासन होना चाहिए।
मॉब लिंचिंग का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि हमें ऐसी मानसिकता ऐसी सोच पर प्रहार करने की जरूरत है। किसी को कानून हाथ में लेने का हक नहीं दिया जा सकता है। बच्चों का ऐसे परवरिश होना चाहिए कि उसे पता हो कि महिला का सम्मान कैसे किया जाए। हमें अपने परिवार से ही इसकी शुरुआत करनी होनी।