प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित करते हुवे कहा कि देश के ज्यादातर हिस्से इस वक्त प्रचंड गर्मी की चपेट में है। मॉनसून भी देर से आने की घोषणा हुई है, जिसके बाद से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से बरसात में बूंद-बूद पानी बचाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि, ‘पानी और पर्यावरण पर चर्चा करनी होगी। मानव जाति ने ही प्रकृति का विनाश करके स्वयं के विनाश का मार्ग प्रशस्त कर दिया। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है। हमें संकल्प लेना होगा कि हम पानी और पर्यावरण की रक्षा करेंगे। हमें संकल्प लेना चाहिए कि बरसात के चार महीनों में हम पानी की बूंद-बूद का सही इस्तेमाल करेंगे।
प्रधानमंत्री ने देश में सूखे की स्थिति पर कहा, ‘मैंने सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अलग से बैठक की। गुजरात और आंध्र प्रदेश ने सूखे से निपटने के लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया है। सूखे से मुकाबला करने के लिए जन भागीदारी की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कई राज्यों ने बहुत ही उत्तम प्रयास किये हैं। मैंने तो नीति आयोग को कहा है कि जो अच्छे प्रयास हैं, उनको सभी राज्यों में कैसे लागू किया जाए, इस पर विचार करना होगा।