यौन शोषण के आरोपों में फंसे विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन पर करीब 20 महिलाओं ने छेड़खानी करने का आरोप लगाया था, जिसमें सभी पत्रकार हैं। बता दें कि अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है।
इन 20 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, ‘‘प्रिया रमानी इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं। हम मानहानि मुकदमे की सुनवाई कर रही अदालत से अनुरोध करते हैं कि यौन उत्पीड़न से जुड़ी हमारी गवाही भी सुनी जाए।’’
इस संयुक्त बयान पर प्रिया रमानी के अलावा जिन 19 महिला पत्रकारों ने दस्तखत किए हैं, उनके नाम हैं- मीनल बघेल, मनीषा पांडे, तुशिता पटेल, कनिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार, होईन्हू हौजे, आयशा खान, कौशलरानी गुलाब, कनिजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हमीदा पारकर, जोनाली बुरगोहैन, सुजाता दत्त सचदेवा, रश्मि चक्रवर्ती, किरण मनाल, संजरी चटर्जी, क्रिश्चियन फ्रांसिस।
इस्तीफे से पहले अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की थी और फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी रिपोर्ट दी थी। हालांकि एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि वो अपनी लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे।
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे के तहत दिए पत्र में लिखा है कि मैंने अपनी सामर्थ्य के हिसाब न्याय के लिए कोर्ट का रुख क्या है इसलिए मेरे हिसाब से इस्तीफे का फैसला सही है और इसके साथ ही मेरे खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को चुनौती के तौर पर लेता हूं। इसलिए मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं जिन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।