देश भर में जारी लॉक डाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार का अंदाजा हम लगा ही नहीं सकते। सोशल मीडिया पर देश की राजधानी का एक विडियो वायरल हो रहा है। जिसमे प्रवासी मजदूरों को श्मसान घाट के पास फेंके गए सड़े-गले केले खाकर पेट भरना पड़ रहा है।
पत्रकार सौरभ शुक्ला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें कई मजदूर जमीन पर पड़े केले के ढेर में खाने लायक केले की तलाश कर रहे हैं। वीडियो से साथ सौरभ ने कैप्शन में लिखा, ‘ये तस्वीरें बताती हैं कि प्रवासी मजदूरों पर क्या गुजर रही है, सड़े हुए केले कोई डाल गया है और ये मजदूर ढूंढ रहे हैं कि कोई केला ठीक मिल जाए तो पेट को कुछ तो आराम मिले.. ये तस्वीरें निगमबोध घाट के पास की हैं जहां हजारों मजदूर यमुना किनारे पुल के नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं…।’
ये तस्वीरें बताती हैं कि प्रवासी मज़दूरों पर क्या गुज़र रही है, सड़े हुए केले कोई डाल गया है और ये मज़दूर ढूंढ रहे हैं कि कोई केला ठीक मिल जाए तो पेट को कुछ तो आराम मिले.. ये तस्वीरें निगमबोध घाट के पास की हैं जहां हज़ारों मज़दूर यमुना किनारे पुल के नीचे ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं… pic.twitter.com/M2U1aNb83z
— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) April 15, 2020
इस दौरान कंधे में एक बैग थामे शख्स ने कहा, “यह केला है। आमतौर पर यह सड़ता नहीं। अगर हम इनमें से कुछ छांट लेंगे तो हमारी भूख मिट जाएगी।” यूपी के अलीगढ़ से रोजी-रोटी कमाने दिल्ली आए एक शख्स ने कहा, “हमलोगों को रोजाना खाना नहीं मिल रहा है, इसलिए यहां केला चुनने चले आए हैं।”
Watch | "Have to fill our stomach": Migrant workers scour through piles of rotten bananas in Delhi's Nigambodh Ghat amid #CoronavirusLockdown. Report by NDTV's @Saurabh_Unmute pic.twitter.com/426D5OhIQq
— NDTV (@ndtv) April 15, 2020
ऐसा नहीं है कि दिल्ली में सिर्फ निगमबोध घाट की ही ऐसी तस्वीर है। इसके अलावा मजनूं का टीला इलाके में भी यमुना किनारे प्रवासी मजदूरों की ऐसा ही कहानी है। वहां सड़क किनारे खुले में रहने को ये मजबूर हैं। लॉकडाउन के ऐलान के बाद लोग बड़े-बड़े शहरों से बड़ी संख्या में अपने गांव-कस्बों की तरफ पैदल ही निकल पड़े थे।