जम्मू-कश्मीरके उरी में हुए आंतकी हमले के बाद विपक्ष की आलोचना का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अब शहीद हुए 18 जवानों के परिवारों का भी विरोध का सामना करना पड़ रहा हैं.
शहीद हवलदार अशोक कुमार सिंह के पिता जगनारायण सिंह ने केंद्र सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि “ये वही सरकार है जो पांच भारतीय सैनिकों के सिर काटने के बदले 10 पाकिस्तानी सैनिकों का सिर काटने की बात करती थी.”
मध्य प्रदेश के सतारा के रहने लांस नायक चंद्रकांत गलांदे पिता शंकर गलांदे ने सवाल किया कि क्या सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि हमारे बेटे इस तरह न मारे जाएं?”
झारखंड के शहीद सिपाही नैमन कुजुर की बत्नी बीना टिग्गा ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को आतंकियों या पाकिस्तान जो भी जिम्मेदार हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
शहीद सिपाही गंगाधर दालुई के दोस्त शेख रियाजुल रहमान ने कहा, “पाकिस्तान दुनिया का सबसे बदकार मुल्क है. हमारी सरकार क्या कर रही है, क्या वो नाकारा और निकम्मी है. पाकिस्तानियों को पता है कि हमारी सरकार नरम है…हमें उन्हें सबक सिखाना होगा.”
गया के शहीद नायक सुनील कुमार विद्यार्थी पिता मथुरा यादव कहते हैं, “हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार कार्रवाई करे जिससे मेरे बेटे की शहादत बेकार न जाए.”
उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी सिपाही राकेश सिंह के घरवालों ने सरकार के जवाबी कार्रवाई न करने तक भूख हड़ताल की चेतावनी देते हुए कहा हम एक निवाला भी नहीं खाएंगे जब तक कि हमें केंद्र सरकार के कड़े कदम की सूचना नहीं मिल जाती. यदि जरूरत पड़ी तो हम पटना और दिल्ली में प्रदर्शन भी करेंगे.
शहीद हवलदार निंब सिंह रावत के परिजनों ने कहा, “सरकार को आतंकवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए. अगर जरूरत हो तो पाकिस्तान पर हमला करो लेकिन कृपया इस मुसीबत और हमारे सैनिकों के जान से जुड़ी आशंका को खत्म करें.
शहीद सिपाही टीएस सोमनाथ के परिजनों ने कहा कि सरकार उरी हमले के बाद सख्त कार्रवाई करे. “आखिर ये कितनी बार होगा? सरकार को ये सुनिश्चित करने के लिए कुछ करना चाहिए कि ऐसा दोबारा नहीं होगा?
हीद सिपाही बिस्वजीत घोराई की 20 वर्षीय बहन बुलती घोराई ने कहा, “मैं अपने परिवार को किसी और सदस्य को कभी सेना में नहीं जाने दूंगी. पैसे से आदमी की कमी नहीं पूरी की जा सकती। क्या पैसे से मेरा भाई वापस आ सकता है?”