
कोलकाता | देश में व्याप्त वीआईपी कल्चर को चोट पहुँचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने सभी सरकारी गाडियों से लाल बत्ती हटाने का निर्देश दिया था. इसी महीने की एक तारीख से देश के सभी नेताओं, मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारियो की गाडी से लाल बत्ती हटाने के निर्देश थे. लेकिन कुछ ऐसे प्रदेश थे जहाँ के कुछ मंत्रियो ने मोदी सरकार के इस फैसले से इनकार कर दिया था.
इनमे पश्चिम बंगाल, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्य भी शामिल थे. हालाँकि एक तारीख आते आते पंजाब और राजस्थान सरकार ने इस फैसले को लागू कर दिया. लेकिन बंगाल की ममता सरकार में अभी भी कुछ मंत्री इस फैसले के विरोध में खड़े हुए है. उन्होंने अपनी गाडी से लाल बत्ती हटाने से इनकार कर दिया है. इससे पहले टीपू सुल्तान के शाही इमाम ने भी अपनी गाड़ी से लाल बत्ती नही हटाई थी.
उस समय उनका कहना था ममता सरकार ने उनको लाल बत्ती लगाने का अधिकार दिया है इसलिए उनके कहने पर ही मैं लाल बत्ती हटाऊंगा. हालाँकि बाद में उन्होंने इस अपने वाहन से हटा लिया था. लेकिन ताजा मामले में ममता सरकार में ही मंत्री अरूप बिस्वास , लाल बत्ती लगी गाडी में सफ़र करते दिखाई दिए. पुरे देश में प्रतिबंध होने के बावजूद अरूप बिस्वास , बेझिझक लाल बत्ती का इस्तेमाल कर रहे है.
जब इस बारे में उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा की अभी तक हमारी सरकार ने इस पर प्रतिबंध नही लगाया है. इसलिए हम लाल बत्ती लगाने को स्वतंत्र है. हम मोदी सरकार के नियम को मानने के लिए बाध्य नही है. मालूम हो की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सरकार बनते ही लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा उन्होंने सड़क पर मिलने वाले फ्री पास को भी बंद कर दिया था.
Despite a national ban, West Bengal minister Arup Biswas using red beacon atop his car, says “Our government has not banned it yet.” pic.twitter.com/iy6dSPauTr
— ANI (@ANI_news) May 29, 2017