देहरादून । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बने क़रीब 9 महीने हो चुके है। इन 9 महीनो में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहाँ मदरसों को लेकर काफ़ी चिंतित दिखाई दी वही उत्तराखंड में यह देखने को नही मिला। उस समय कहा गया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योगी आदित्यनाथ के मुक़ाबले थोड़े कम सक्रिय है। लेकिन उनके एक आदेश से ऐसा प्रतीत नही होता।
योगी सरकार की तर्ज़ पर ही उत्तराखंड की रावत सरकार ने मदरसों को लेकर एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में सभी मदरसों के अंदर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाने के लिए कहा गया था। बताया जा रहा है की स्वतंत्रता दिवस के कुछ दिनो बाद रावत सरकार ने यह आदेश जारी किया था। इस आदेश में कहा गया,’ सभी शैक्षणिक संस्थान 2022 तक पीएम मोदी के न्यू इंडिया विजन को साकार करने के लिए काम करने की प्रतिज्ञा लें। इसके अलावा अपने परिसर में पीएम मोदी की तस्वीर लगाएं।’
क़रीब 5 महीने पुराने इस आदेश पर सभी मदरसों के अधिकारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में तय किया गया की कोई भी मदरसा, परिसर में मोदी की तस्वीर नही लगाएगा। इस बारे में बताते हुए उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के डेप्युटी रजिस्ट्रार हाजी अकलाख अहमद ने कहा, ‘इस आदेश के मद्देनजर मदरसों के अधिकारियों ने मीटिंग की और धार्मिक कारणों से पीएम मोदी की तस्वीर न लगाने का फैसला लिया।’
उन्होंने आगे कहा,’ तमाम मदरसों के सदस्यों ने मीटिंग में कहा कि इस्लाम में किसी व्यक्ति की तस्वीर को मदरसे में लगाना हराम है। इसलिए पीएम मोदी की तस्वीर को लगाए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’ जब मदरसों के इस फ़ैसले के बारे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जेएस रावत से पूछा गया तो उन्होंने कहा की हम किसी को भी उनके धर्म के विपरीत इसे मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।