हिजाब पहन परीक्षा दे सकेंगी मुस्लिम छात्राएं

कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बुर्के को लेकर हंगामा छाया हुआ है कुछ लोगो को बुर्का गुलामी का प्रतीक लगता है वहीँ कुछ लोगो का मानना है की ये उनकी सांस्कृतिक पहचान है तथा मसला धर्म से जुड़ा है वही दूसरी तरफ खबर केरल से आ रही है जहाँ केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुस्लिम लड़कियों को ऑल इंडिया मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट 2016 में हिजाब पहनकर एग्जाम देने की इजाज़त दे दी है लेकिन साथ साथ एक शर्त रखी है की अगर ज़रुरत पड़े तो समय से आधे घंटे पहले हाज़िर होना पड़ेगा

अमनाह बिंत बशीर की ओर से दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मोहम्मद मुश्ताक ने यह आदेश जारी किया। याचिका में मेडिकल परीक्षा कराने से संबंधित बुलेटिन में सीबीएसई द्वारा उम्मीदवारों के लिए तय ड्रेस कोड को चुनौती दी गई थी।

जस्टिस मुश्ताक ने ये शर्त लागू करते हुए करते हुए कहा की अगर तलाशी देने के लिए आधे घंटे पहले आना पड़ा तो परीक्षा भवन में आना होगा| याचिका में कहा गया था की ड्रेस कोड लागू करने से धार्मिक स्वतंत्रा का उल्लंघन होता है

पिछले साल केरल हाई कोर्ट की एक जज की बेंच ने दो मुस्लिम छात्राओं को सीबीएसई मेडिकल इंट्रेंस एक्जाम में बैठने के लिए हिजाब पहनने की इजाजत दी थी।

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