नई दिल्ली: कंज़ुल ईमान फाउण्डेशन की तरफ से इमाम अहमद राजा अकेडमी के सेमीनार हाल में आलाहज़रत पर दुनिया की पहली अकादमिक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस्लाम में सुन्नी विचार धारा के केन्द माने जाने वाले शहर बरेली शरीफ में आयोजित ये कांफ्रेंस अकादमिक स्तर पर अपनी तरहा का पहला आयोजन था। अकेडमिक कांफ्रेंस में सात देशों से अरबी, उर्दू ,फ़ारसी ,अंग्रेजी ,हिंदी आदि भाषाओं में लगभग पचास शोध पत्र अकेडमिक विद्द्वानों ने कंज़ुल ईमान फाउंडेशन रिसर्च डिवीज़न को सौंपे जिन में से पच्चीस शोध पत्र कांफ्रेंस के लिए चुने गए। इस अवसर पर कंज़ुल ईमान इंटर नेशनल एकेडेमिक जर्नल आन रज़वियात – आला हज़रत के ऊपर छपने वाले दुनिया के पहले शोध जर्नल को प्रस्तुत किया गया साथ ही साथ पब्लिक रिसर्च डेस्क का भी उदघाटन किया गया जो ‘रज़वियात’ (आलाहज़रत के विचार आपके सेवा भाव के नाम से जाना है) पर पीएचडी, एम फिल और थीसिस लिखने वालों की हर संभव सहायता करेगी।
इस कांफ्रेंस में दुनिया के कई देशों के शोध कर्ताओं के शोध पत्र प्रस्तुत किये गए जिस में जामिया अल अज़हर काइरो (इजीप्ट ) से डाक्टर मोहम्मद सईद ,अफ्रीका से ईदी बिलाल क़ादरी ,अल्बानिया (योरोप ) से श्री अहमद ,लन्दन से आतिफ क़ादरी , डलास (अमरीका ) , श्री लंका आदि देशों के शोध कर्ताओं ने आलाहज़रत की विचारधारा और मुस्लिम समाज के लिए उन के योगदान पर अपने शोध पत्रों के द्वारा विचार प्रस्तुत किये। दूसरे देशो से शामिल होने वाले विद्वानों में साउथ अफ्रीका से मौलाना अब्दुल हयी नसीम क़ादरी, इंग्लैंड से मुहम्मद मिया एवं मौलाना नियाज़ अहमद मुस्तफ़वी के इलावा कंज़ुल ईमान फाउंडेशन की 13 शाखाओ के कार्येकर्ता भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर कंज़ुल ईमान फाउंडेशन के प्रेसिडेंट इंजीनियर आमिर हुसैन तहसीनी ने बताया कि धार्मिक व यूनिवर्सिटी विद्द्वानों एवं छात्रों को आलाहज़रत पर शोध कार्यो के लिए एक प्लेटफार्म पर आ कर साथ काम करना होगा। कंज़ुल ईमान फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च डिवीज़न के हेड श्री यासिर राजा क़ादरी ने कहा कि आलाहज़रत के उर्स के मौके पर अब हर साल इस रिसर्च कांफ़्रेंस आयोजन किया जायेगा और हर साल आला हज़रत पर रिसर्च जर्नल प्रकाशित किया जायेगा।
साथ ही साथ दुनिया की 100 यूनिवर्सिटी में ये शोध जर्नल कंज़ुल ईमान फाउंडेशन के माध्यम से भेंट किया जायेगा। कंज़ुल ईमान फाउंडेशन के चीफ ऐडवाइज़र व नार्थ ईस्ट के प्रेसिडेंट इंजिनियर मक़सूद आलम अपने 12 लोगों के समूह के साथ उपस्थित रहे और आप ने तकनीकी बिंदु से आला हज़रत के दृष्टिकोण पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। इसी के साथ साथ कंज़ुल फाउंडेशन की दिल्ली यूनिट से सलीम तहसीनी, सय्यद आकिब अली, से डॉ इदरीस नूरी, कर्नाटक से शम्स तबरेज़ अपनी अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे।
इस अकादमिक कांफ्रेंस में हज़रत तहसीन रज़ा खान अलैहिर्रहमां के पुत्र व उत्तराधिकारी हज़रत मौलाना हस्सान रज़ा खान साहब के साथ रज़ा अकाडेमी मुम्बई के सेक्रेटरी मौलाना सईद नूरी साहब मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस कांफ्रेंस के सफल आयोजन में कंज़ुल ईमान फाउंडेशन की बरेली यूनिट का एहम योगदान रहा जिसमें मुख्य रूप से बरेली यूनिट के डॉ.आकिब रज़ा, फैमी तहसीनी, मौलाना रिज़वान मंसूरी, मौलाना तौहीद, आफताब अहमद, वकार हुसैन, आदि मौजूद रहे।