जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बीते साल फरवरी में एक नाबालिग बच्ची को मंदिर में हवस का शिकार बनाकर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले से जुड़ी एक चौंकानेवाली खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पीड़िता के परिवार के एक बैंक खाते से 10 लाख का घोटाला हुआ है।
पीड़िता के पिता का कहना है कि इस खाते में करीब 22-23 लाख रुपये थे। 10 लाख रुपये उन्होंने निकलवाए, लेकिन शेष राशि कौन ले गया, यह उन्हें पता नहीं। अब खाते में केवल एक लाख रुपये बचे हैं। हालांकि उन्होंने अभी पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। पासबुक दिखाते हुए पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि असलम खान नामक किसी आदमी ने इसी साल 11, 14, 15 व 18 जनवरी को चेक के जरिए दो-दो लाख रुपये निकलवाए हैं। जिस असलम को मैं जानता हूं, वह एक दो बार मेरे साथ बैंक में गया था। इसलिए मैंने जब उससे इस बारे में बात की तो उसने बुरा बर्ताव किया। ऐसा लगता है कि उसने ऐसा किया होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि असलम ने कुछ पैसे वापस भी दिए हैं।
उन्होंने बताया कि 21, 22 जनवरी को भी चार लाख रुपये बैंक से निकलवाए गए हैं। यह पैसा किसी नसीम नामक व्यक्ति ने चेक के जरिए निकला है। उसने कहा कि मैं तो अनपढ़ हूं। चेक पर भी अंगूठा ही लगाता हूं। संबंधित बैंक अधिकारियों ने कहा कि यह सारी राशि चेक के जरिए निकली है। चेक पर पैसा जारी करने के संदर्भ में सभी नियमों और औपचारिकताओं का पालन किया गया है। चेक पर तिथि थी, अंगूठे के निशान व अन्य जरूरी चीजें थी, इसलिए उसे नहीं रोका जा सकता था। अगर संबंधित लोगों को लगा था कि चेक चोरी हुए हैं या किसी ने उनके साथ धोखा किया है तो वह बैंक को सूचित कर चेक पास करने पर रोक लगवा सकते थे।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कठुआ कांड की पीड़िता के पिता के खाते से अज्ञात लोगों द्वारा पैसे निकलवाए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि नेशनल कांफ्रेंस पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसके परिवार को हमेशा समर्थन देते रहेंगे, लेकिन जिन लोगों ने इस त्रासदी को अपने फायदे के लिए भुनाया और और अपना कैरियर बनाया, उन्हें इस बात का जवाब देना होगा कि आखिर क्यों उन्होंने अपने फायदे के लिए इस परिवार को अकेला छोड़ दिया।
फिलहाल, इस मामले के सभी आरोपित जेल में हैं और केस की सुनवाई पंजाब के पठानकोट में स्थापित फास्ट ट्रैक कोर्ट में जारी है।