हिन्दू राष्ट्र वाले फैसले पर जस्टिस सेन की सफाई – किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं

senn

मेघालय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुदीप रंजन सेन ने पिछले दिनों अपने एक के फैसले के दौरान हिंदू राष्ट्र की वकालत और देश को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करने के मामले में सफाई पेश की है।

जस्टिस सेन ने कहा है कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने साफ किया कि सेवानिवृत्ति के बाद भी कोई राजनीतिक दल जॉइन करने का उनका कोई सपना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह धार्मिक कट्टरपंथी नहीं हैं।

बता दें कि सेन ने निवास प्रमाण पत्र से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर मैं मूल भारत और उसके विभाजन को सामने नहीं रखता हूं तो अपने कर्तव्य में असफल रहूंगा।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा कि उनकी सरकार भारत को इस्लामिक देश नहीं बनने देने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।

owaisi kjdb 621x414@livemint

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राष्ट्र हित में उसका समर्थन करेंगी। सेन ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह अपने उन मुसलमान भाइयों और बहनों के खिलाफ नहीं हैं, जो भारत में कई पीढ़ियों से रह रहे हैं और यहां के कानून का पालन करते हैं। उन्हें यहां शांति से रहने दिया जाना चाहिए।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मेघालय उच्च न्यायालय के इस फैसले को अस्वीकार्य करार दिया। ओवैसी ने कहा कि न्यायपालिका व सरकार को इस फैसले पर ध्यान देना चाहिए। घृणा फैलाने की कोशिश की जा रही है। ओवैसी ने न्यायमूर्ति सेन को संविधान की व्याख्या करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नहीं झुकने की सलाह दी।

विज्ञापन