सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बृजगोपाल हरकिशन लोया की संदिग्ध मौत के मामले में रोजाना बड़े से बड़े नए खुलासे होते जा रहे है. अब उनकी मौत के बारे में एक और नया बड़ा खुलासा हुआ है.
भारत के अग्रणी फॉरेंसिक विशेषज्ञों में से एक डॉ. आरके शर्मा ने जज लोया की मौत से जुड़े मेडिकल रिपोर्टों की गहन जांच कर दावा किया कि लोया की मौत संभवतः मस्तिष्क को गहरा आघात पहुंचने से हुई होगी, या फिर उन्हें जहर दिया गया होगा.
पत्रिका द कैरावन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. आरके शर्मा ने लोया के हार्ट अटैक से मौत के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट्स के अध्ययन से पता चलता है कि “हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में मायोकार्डियल इनफार्क्शन का कोई साक्ष्य नहीं है.
उन्होंने कहा, इस रिपोर्ट के नतीजों में दिल के दौरे की तरफ इशारा नहीं किया गया है. इनमें बदलाव जरूर दर्शाए गए हैं, लेकिन यह दिल का दौरा नहीं है.” शर्मा ने कहा, ”पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उनकी धमनियों में कैल्सीफिकेशन पाया गया है. कैल्सीफिकेशन जहां पाया जाता है, वहां दिल का दौरा नहीं पड़ सकता. धमनियों में अगर कैल्शियम जमा हो जाएं तो वे रक्त प्रवाह को कभी बाधित नहीं करतीं.”
इसके अलावा जज लोया की मेडिकल रिपोर्ट में ड्यूरा को जमा हुआ पाया गया है. यह मस्तिष्क के चारों ओर मौजूद सबसे बाहरी परत होती है. यह किसी सदमे की स्थिति में क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे पता चलता है कि मस्तिष्क पर किसी किस्म का आघात, यानी कोई शारीरिक हमला हुआ है.” डॉ. शर्मा का कहना है कि यह बात हैरान करने वाली है कि ”आखिरकार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ड्यूरा में अवरोध आने की वजह क्यों नहीं दर्ज की गई.” शर्मा कहते हैं, ”इस बात की संभावना है कि उन्हें जहर दिया गया हो. उनके हर एक अंग में रुकावट पाई गई है.”
साथ ही उन्होंने विसरा के केमिकल एनालिसिस के परिणाम को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आम तौर से एक-दो दिन में होने वाली इस जांच में इतना लंबा वक्त क्यों लगा? ध्यान रहे लोया की मौत के कुल 36 दिन बाद 5 जनवरी 2015 को शुरू हुई विसरा जांच 14 दिन बाद 19 जनवरी 2015 को पूरी हुई थी.