देश के मनोनीत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सोमवार को कहा कि शायद लोग जाति, धर्म और विचारधारा के आधार पर पहले से कहीं अधिक बंटे हुए है और क्या पहनना चाहिए, क्या खाएं या क्या कहें, ये सब अब व्यक्तिगत जीवन के बारे में सामान्य सवाल नहीं रह गए हैं। ये चीजें हमें खास पहचान और उद्देश्य देते हैं और हमारे लोकतंत्र की महानता को समृद्ध करते हैं, पर ये वे मुद्दे हैं जो हमें बांटते हैं। वे हमें उन लोगों से नफरत करवाते हैं जो कुछ अलग हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी कोई संशय या संघर्ष उत्पन्न हो तो संवैधानिक नैतिकता ही अहम होनी चाहिए और संविधान के प्रति यही सच्ची भक्ति है। उन्होंने कहा कि चुनौती एक साझा वैश्विक नजरिया बनाने और उसकी हिफाजत करने की है। यह हमें एक समुदाय के रूप में एकजुट करती है। ऐसा साझा नजरिया संविधान में पाया जा सकता है।
जस्टिस गोगोई मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सम्मान में रखे गए कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से रखा गया था। जस्टिस गोगोई ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के शानदार करियर के लिए उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि नागरिक स्वतंत्रता के मामले में उनका बहुत ज्यादा योगदान रहा है।
What we should wear, what we should eat, what we should say, read & think, these are no longer small & insignificant questions about our personal lives: CJI-designate Ranjan Gogoi at farewell function to CJI Dipak Misra in #Delhi pic.twitter.com/mll74V2toD
— ANI (@ANI) October 1, 2018
इस मौके पर सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा, ‘मैं लोगों को इतिहास के आधार पर नहीं बल्कि मैं उनकी गतिविधियों एवं उनके नजरिए को ध्यान में रखकर अपनी राय बनाता हूं।’ साथ ही उन्होने कहा, ‘एक जज के रूप में मेरे पूरे करियर में, मैंने न्याय की देवी से खुद को कभी अलग नहीं किया।’
देश के 45वें सीजेआई को उस समय तनावपूर्ण दौर का सामना करना पड़ा था जब सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों, न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके संवेदनशील मामलों के आवंटन समेत सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन से संबंधित कई मुद्दों को उठाया था। आरोपों का सामना करते हुए न्यायमूर्ति मिश्रा ने चुप्पी साधे रखी, भले ही राजनीतिक हलकों में महाभियोग की बात की जा रही थी।