राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए आगाह किया कि नौकरियों के अवसर पैदा करने के विपरीत हालात देश में त्रासदी पैदा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि देश में जिस संख्या में जॉब क्रिएट हो रही हैं वह भविष्य के लिए घातक हो सकता है. उन्होंने छात्रों के विरोध की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को उच्च स्तर की पढ़ाई करने के लिए सद्भावपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में खूब सारा टैलेंट है. यहां युवाओं की ज्यादा संख्या है. पर हम केवल उत्पादकता बढ़ाने पर ही ध्यान देते हैं. अगर देश में जॉब्स ही नहीं होंगी तो यह टैलेंट खराब हो जाएगा. युवाओं में कुंठा बढ़ेगी. इसलिए हमें ऐसी स्थिति को आने से रोकना होगा. इसके लिए नौकरी के अवसरों को बढ़ाना ही होगा.’
मुखर्जी ने आगे कहा कि साल 2015 में पिछले सात साल की तुलना में सबसे कम नौकरियाें के अवसर बने हैं. यह अच्छा संकेत नहीं है. जिस तरह से मशीनें इंसानों की जगह ले रही हैं उस स्थिति में सरकार को नौकरी के नए अवसरों पर गंभीरता से विचार करना होगा.