जामिया मिलिया इस्लामिया ने उस असिस्टेंट प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया है जिनहोने ट्वीट करके यह विवाद पैदा कर दिया था कि उन्होंने 15 गैर-मुसलमान छात्रों को परीक्षा में फेल कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, प्राध्यापक डॉक्टर अबरार अहमद ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘मेरे सभी छात्र पास हो गए सिवाय 15 गैर-मुसलमानों के, जिन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी। अगर आप प्रदर्शन करते हैं (सीएए विरोध), मेरे पक्ष में 55 छात्र हैं (सीएए समर्थन)। बहुसंख्यक आपको सबक सिखाएंगे, अगर प्रदर्शन समाप्त नहीं हुआ (दंगे)। कोरोना (वायरस) के कारण आपके प्रदर्शन का संकेत मिल जाएगा। मैं सोच रहा हूं कि वे मुझसे नफरत क्यों करते हैं?”
मामले के सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी ने पब्लिक डोमेन में ट्वीट करते प्रोफेसर के इस रवैये को सांप्रदायिक असंतोष फैलाने वाला एक गंभीर दुराचार बताया। साथ ही जामिया ने कहा कि प्रोफेसर अबरार अहमद को इसके लिए सस्पेंड कर दिया गया है, जांच लंबित है।
Dr. Abrar Ahmad, Assistant Professor of Jamia Millia Islamia University tweeted in public domain as to failing 15 non-muslim students in an exam. This is a serious misconduct inciting communal disharmony.The University suspends him pending inquiry: Jamia Millia Islamia University pic.twitter.com/bFwaVlonvx
— ANI (@ANI) March 26, 2020
विश्वविद्यालय ने ट्वीट किया है, ‘‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के डॉक्टर अबरार अहमद, ने सार्वजनिक मंच पर 15 गैर-मुसलमान छात्रों को फेल करने की बात ट्वीट की। केंद्रीय सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत यह साम्प्रदायिक सौहार्द को खराब करने की गंभीर अनुशासनहीनता है। विश्वविद्यालय उन्हें जांच पूरी होने तक निलंबित करता है।” विश्वविद्यालय ने इस ट्वीट में मानव संसाधन विकास मंत्री और मंत्रालय को टैग किया है।
हालांकि, सस्पेंड करने के बाद प्रोफेसर का कहना है वो सिर्फ व्यंग्य कर रहे थे इसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। हंगामा होने पर उन्होंने विवादित ट्वीट को डिलीट कर दिया।