पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर के बहाने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को निशाना बनाए जाने को लेकर संघ परिवार की चौतरफा आलोचना हो रही है. ऐसे में अब जिन्ना की तस्वीर के चलते लोकसभा भी निशाने पर है.
वरिष्ठ पत्रकार सलीम अख्तर सिद्दीकी ने लोकसभा मे लगी जिन्ना की तस्वीर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भगवाधारी कब हमला करेंगे.
सलीम ने टिप्पणी करते हुए कहा ये (भगवाधारी) जितनी नफरत जिन्नाह से करते हैं, इतनी ही गांधी से करते हैं. किसी ग़लतफरहमी में मत रहना. इनका आदर्श गोडसे है और रहेगा. आरएसएस हर उस आदमी और संस्था से नफरत करता है, जो धर्मनिरपेक्षता की बात करता है. साम्प्रदायिकता इनके डीएनए में है. पहले यह तय कर लो कि जिनाह शिया थे, सुन्नी थे या फिर बोहरा थे? जिस देश के प्रधानमंत्री की डिग्री पर विवाद हो, वहां यह तय करना मुश्किल है कि जिनाह किस फिरके से आते थे.
आप क्या समझते हैं, अपने मेहुल भाई, नीरव मोदी, माल्या और ललित मोदी भाजपा के हैं? सब कांग्रेसी हैं ससुरे। सरकार को बदनाम करने के लिए बैंकों से धोखाधड़ी करके भाग गए. मोदी तो हर रोज 18-18 घंटे काम करते हैं, कांग्रेस और विपक्षी दल उन्हें काम ही नहीं करने देते। अब देखो न, कर्नाटक में मोदी जी को उलझा दिया.
अगर आसानी से भाजपा को जीतने देते तो क्यों प्रधानमंत्री कर्नाटक में जाकर अपना टाइम खोटा करते? 15 की जगह 21 रैलियां करने पड़ रही हैं उन्हें. प्रधानमंत्री का वक्त कौन बरबाद कर रहा है? कांगे्रस ही ना? इतने वक्त वे दिल्ली में रह कर काम करते तो देश को कहां से कहां पहुंचा देते. इसलिए, हे देशवासियों! मोदी जी की कोई गलती नहीं है. सारा विकास कांग्रेस और विपक्षी दलों ने रोक रखा है.