बढती महंगाई से परेशान गरीब जनता पहले तो दालों की बढती कीमतों से परेशान थी लेकिन अब अब आटा भी महंगा हो गया है. खुदरा बाजार में आटा की कीमतें 25 फीसदी तक बढ़ गई हैं. वहीँ थोक बाज़ार में 19 फीसदी तक बबढ़ोतरी हुई हैं.
गेहूं के मंडियों में आवक के समय आटे का भाव 18 से 20 रुपये प्रति किग्रा था लेकिन अब गेहूं के भाव 2100 रुपये प्रति ¨क्वटल पर पहुंचने के बाद आटे का भी भाव 25 रुपये प्रति किग्रा तक पहुंच गया है. गेहूं के बढ़े भावों के कारण पहले 10 किलो आटे का बैग जो 190 से 200 रुपये में आ रहा था वह अब सीधे ही 240 से 250 रुपये तक पहुंच गया है. आटे की बढ़ी कीमतों के कारण महंगाई से परेशान लोगों का रसोई का खर्च और अधिक बढ़ गया है.
खाद्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 18 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच तिरुअनंतपुरम के थोक बाज़ार में आटा 2600 रुपये क्विंटल से बढ़कर 3500 रुपये क्विंटल हो गया यानी 35% महंगा. जम्मू के थोक बाज़ार में आटा 1900 रुपये क्विंटल से बढ़कर 2200 रुपये क्विंटल यानी 16% महंगा हुआ. जबकि इन दो हफ्तों में सोलान में 2000 रुपये क्विंटल से बढ़कर 2200 रुपये क्विंटल यानी 10% महंगा हुआ.
मंडी में गेहूं की कीमतें 2100 रुपये प्रति ¨क्वटल तक पहुंच गई है इससे आटे की भी कीमत बढ़ना स्वाभाविक है. हम स्थानीय मंडी से ही गेहूं खरीदते हैं लेकिन इससे पहले इतने ऊंचे दामों पर गेहूं कभी नहीं पहुंचे.
–योगेश कुमार, आटा मिल संचालक