रेल राज्‍यमंत्री ने बताया- दो महीने में धुलता है ट्रेनों में मिलने वाला कंबल, यात्री अपना ताकिया-चादर लेकर चल सकते हैं

राज्‍यसभा के कई सदस्‍यों ने ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबल, बेड रोल आदि की गंदगी का सवाल उठाया था। सिन्‍हा ने उनके सवालों के जवाब में स्थिति साफ की।

रेल राज्‍यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने शुक्रवार (26 फरवरी) को राज्‍यसभा में बताया कि ट्रेनों में यात्रियों को दिया जाने वाला कंबल दो महीने में एक बार धोया जाता है। प्रश्‍नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि बेडशीट, बेडरोल और तकिये का कवर तो रोज धुलता है, पर कंबल दो महीने में एक बार साफ किया जाता है।

राज्‍यसभा के कई सदस्‍यों ने ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबल, बेड रोल आदि की गंदगी का सवाल उठाया था। सिन्‍हा ने उनके सवालों के जवाब में स्थिति साफ की। इस पर राज्‍यसभा के चेयरमैन हामिद अंसारी ने टिप्‍पणी की कि ऐसे में तो यात्रियों द्वारा खुद तकिया-चादर लेकर सफर करने की पुरानी व्‍यवस्‍था बेहतर थी। कांग्रेस के एक सांसद ने उनकी बात का समर्थन भी किया। उन्‍होंने पूछा भी कि क्‍या ऐसी व्‍यवस्‍था की जा सकती है, तो इस पर सिन्‍हा ने कहा कि यह अच्‍छा सुझाव है।

उन्‍होंने कहा कि अगर यात्री अपना तकिया-चादर लेकर सफर करते हैं तो रेलवे को इसमें कोई दिक्‍क्‍त नहीं है। रेल राज्‍यमंत्री ने बताया कि रेलवे के पास 41 लाउंड्रीज हैं। दो साल में 25 नई लाउंड्रीज बनाने की योजना है। इसके बाद रेलवे का तकिया-चादर इस्‍तेमाल करने वाले 85 फीसदी यात्रियों को लाउंड्री सर्विस दी जा सकेगी। (Jansatta)

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