प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना खटाई में आती हुई नजर आ रही है। दरअसल, परियोजना को लेकर धन के आवंटन में रेलवे ने अपने हाथ ऊंचे कर दिये है। वहीं वित्त मंत्रालय भी कोई अतिरिक्त सहायता देने से हाथ ऊंचे कर चुका है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) को भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। जिसके बाद रेलवे ने वित्त मंत्रालय से लगभग 18,000 करोड़ रुपये मांगे थे। लेकिन वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वह बाजार से धन का इंतजाम (कर्ज) करे, बाद में यह रकम वित्त मंत्रालय चुका देगा।
कर्ज की रकम वहन करने को लेकर भी दोनों विभागों में पेंच फंसा हुआ है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने कहा कि वह मूलधन देने को तैयार है, मगर रेलवे ने कहा कि वह वार्षिक ब्याज और अन्य शुल्क का भार उठाने की स्थिति में नहीं है।
द संडे एक्सप्रेस से एक उच्चपदस्थ रेल मंत्रालय अधिकारी ने कहा, ”हमने वित्त मंत्रालय को बता दिया है कि हम मूलधन की लागत वहन नहीं कर पाएंगे। हमारे पास धन नहीं है। सरकार को ही इसका खर्च उठाना होगा, जैसा कि समझौता है। हम अगले महीने नए प्रस्ताव के साथ जाएंगे, हम इस पर काम कर रहे हैं।”
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुलेट ट्रेन को पर्याप्त धन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”फंडिंग में कोई दिक्कत नहीं है। प्रोजेक्ट को जापानी अथॉरिटीज और भारत सरकार फंड कर रही है।”