वाइस चीफ एयर मार्शल धनोआ का यह बयान एयरफोर्स के राजस्थान में होने वाले अभ्यास ‘आयरन फीस्ट-2016’ ठीक पहले आया है।
भारतीय वायुसेना के पास पाकिस्तान और चीन दोेनों से लड़ने के लिए पर्याप्त लड़ाकू विमान नहीं है। वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने गुरुवार को बताया कि एयरफोर्स फाइटर प्लेन की कमी से जूझ रही है। सरकार को इस बात की जानकारी है। इसीलिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए डील की गई।
उन्होंने कहा,’एयरफोर्स को मल्टीपरपज फाइटर प्लेन भी चाहिए। इसके बारे में राफेल के डील पूरी होने के बाद फैसला लिया जाएगा।’ बता दें कि दो तरफा जंग के लिए 42 स्कवाड्रन चाहिए होती है जबकि भारत के पास केवल 33 स्कवाड्रन ही है। पाकिस्तान को अमेरिका एफ-16 विमान बेचेगा। इसके चलते भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है। धनोआ इस बात को स्वीकार भी करते हैं। उन्होंने कहा,’एफ-16 से हमारी परेशानी और बढ़ जाएगी। लेकिन हमारे पास उनसे ज्यादा ताकत है और वे इसमें हमें नहीं पछाड़ सकते। हालांकि दो मोर्चों पर लड़ने के लिए हमारे पास पर्याप्त लड़ाकू विमान नहीं है।’
वाइस चीफ एयर मार्शल धनोआ का यह बयान एयरफोर्स के राजस्थान में होने वाले अभ्यास ‘आयरन फीस्ट-2016’ ठीक पहले आया है। यह एक्सरसाइज 15 से 18 मार्च तक राजस्थान के पोकरण में होगी। क्लोजिंग सेरेमनी में तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी हिस्सा लेंगे। इसमें हवा से जमीन पर फायर फाइटिंग और वार हैड्स की ताकत दिखाई जाएगी। इस दौरान लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, अवाक्स दिन और रात में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एयरफोर्स है। इसमें कुल 1 लाख 27 हजार वायुसैनिक हैं। साथ ही 1,380 प्लेन का बेड़ा है। इनमें सुखोई एम 30, मिग-29, मिग-27, मिग-21, मिराज और जगुआर जैसे प्लेन हैं।जल्द ही भारत को फ्रांस से राफेल विमान मिलेंगे। इससे उसकी ताकत में और इजाफा होगा। (Jansatta)