पंजाब में बटाला के गांव निक्कू सरां निवासी शहीद हवलदार कश्मीर सिंह की पत्नी सुरिंदर कौर ने सोमवार को पीएम मोदी को पति का सैन्य मैडल यह कहकर लौटा दिया कि ‘प्रधानमंत्री को पता तो चलें कि देश के लिए शहीद होने वाले फौजियों के परिवारों पर क्या बीत रही है’
शहीद कश्मीर सिंह 29 साल पहले साल 1987 में श्रीलंका में लिट्टे के खात्मे के लिए पीएम राजीव गांधी द्वारा ‘ऑपरेशन पवन’ के तहत शांति सेना के नाम से भेजी गई टुकड़ी में शामिल थे. इस दौरान वे जाफनां यूनिवर्सिटी श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ लड़ते हुए 13 अक्टूबर 1987 को शहीद हो गए थे. कश्मीर सिंह सहित 29 जवान शहीद हुए थे. लिट्टे के सदस्य इन फौजियों के शव भी ले गए थे. जिसके बाद भारत सरकार ने सेना वापस बुला ली थी और भारत सरकार अपने शहीद जवानों के शव तक भी भारत न ला सकी थी.
शहीद कश्मीर सिंह को मरणोपरांत 26 जनवरी 1991 को सेना मेडल दिया गया था. सुरिंदर कौर ने आरोप लगाया कि उनके पति की शहादत के बाद सरकारों ने कई तरह के वादे किए. सरकार ने शहीद परिवार को दस एकड़ जमीन, पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी व एक परिवार को सरकारी नौकरी का वायदा किया था. मगर, उनके शहीद पिता की कमाई से बचे लगभग डेढ़ लाख के अलावा कुछ नहीं मिला. साथ ही अफसरों ने किये गए सारें वादों को भी नकार दिया.
ऐसे में कोई रास्ता न दिखते हुए सुखविंदर कौर अपने बच्चों के साथ मंगलवार को पति की तस्वीर लिए पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंची, लेकिन उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया. जिसके बाद उन्होंने डीसी ऑफिस में असिस्टेंट कमिश्नर स्वाति कुंदन को पति की शहादत के बदले मिला सैन्य मेडल लौटा दिया.
60 साल की सुरिंदर कौर ने कहा, वो तो मेडल मोदी को लौटाना चाहती थीं, ताकि उन्हें भी पता चले कि देश के लिए शहीद होने वाले फौजियों के परिवारों पर क्या बीत रही है. उन्होंने कहा, मैं पीएम से नहीं मिल सकती तो फिर डीसी मेरा मेडल उन्हें लौटा दें.