लॉक डाउन: साधन नहीं मिलने पर दिल्ली से सैकड़ों लोग पैदल ही यूपी-बिहार रवाना

कोरोना वायरस के संकट के बीच देश भर में लगाए गए लॉक डाउन ने लोगों को घरों पर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं। जो अपने रोजो-रोटी के लिए अपने घरों से दूर रह रहे थे। लेकिन लॉक डाउन के चलते अपने घर को नहीं पहुँच पाये है।

ऐसे में कोई साधन न होने के बावजूद ये लोग पैदल ही अपने घरो को जाने को मजबूर हो रहे है। अहमदाबाद में 2,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों ने पैदल और राजस्थान के परिवहन के अन्य साधनों से अपने घरों की तरफ चल निकले। वहीं राजधानी दिल्ली में भी यूपी-बिहार के सैकड़ों मजदूर अपने  घरों की तरफ पैदल ही निकल पड़े।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अधिकांश मजूदर दैनिक वेतन भोगी हैं और वह बुधवार दोपहर तक राजस्थान के डूंगरपुर के बिछीवाड़ा तहसील पहुंचे पाए यह अहमदाबाद से 125 किलोमीटर दूर है। 7-9 बजे के बीच सैकड़ों मजदूरों ने समूहों में  सरखेज, असरवा, शाहपुर, नारोल, निकोलस और नरोदा सहित अहमदाबाद के अलग हिस्सों से चलना शुरू किया था।

राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने पुष्टि की कि अहमदाबाद के 2,000 से अधिक लोग लॉकडाउन के बावजूद बुधवार सुबह तक बिछीवाड़ा बस स्टेशन पर पहुंच गए।बिछीवाड़ा तहसीलदार ने अमृत पटेल के मुताबिक रास्तों में फंसे लोगों को निकालने के लिए राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों और 15-20 निजी मिनी बसों की व्यवस्था की गई है।

राजस्थान के एक कोल्ड स्टोर में काम करने वाले 14 मजदूरों की कहानी भी ऐसी ही है। बिहार के रहने वाले ये मजदूर पैदल ही घर के लिए निकल लिए। 21 मार्च को जयपुर से निकले थे। 24 मार्च को आगरा पहुंच पाए। उनका कहना है कि यह रहकर ना उनके खाने का इंतेजाम हो पाएगा ना रहने का ऐसे में रास्ते में जो मिल रहा है उसी से गुजारा कर रहे हैं और अपने घरों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। मजूदरों ने बताया कि स्टोरेज मालिक ने उन्हें केवल दो हजार  रुपए दिए और घर लौट जाने को कहा।

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