अहमदाबाद । प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर महीने के आख़िरी रविवार को ‘मन की बात’ करने वाले नरेंद्र मोदी , अभी तक पत्रकारों को इंटरव्यू देने से बचते रहे है। लेकिन इस शुक्रवार को उन्होंने जी न्यूज़ को इंटरव्यू देने का फ़ैसला किया। प्रधानमंत्री बनने के लगभग चार साल बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। 19 जनवरी को प्रकाशित हुए इस इंटरव्यू में उन्होंने कई प्रमुख मुद्दों पर अपनी राय रखी।
इस दौरान उनसे देश में बढ़ती बेरोज़गारी के बारे में भी सवाल किया गया। इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने जो कहा वह सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना करने के लिए काफ़ी था। लोगों ने उनसे ऐसे जवाब की अपेक्षा नही की थी। इसलिए कोई भी मौक़ा न चुकने वाले सोशल मीडिया यूज़र को मोदी ने एक मौक़ा दे दिया। बस फिर क्या था पीछले तीन दिनो से यूज़र लगातार नए नए तर्कों के साथ उनकी आलोचना कर रहे है।
दरअसल जब पत्रकार सुधीर चौधरी ने उनसे बेरोज़गारी पर सवाल किया तो उन्होंने कहा,’प्रधानमंत्री बीमा योजना बनाई गई, जिसके तहत बिना किसी बैंक गारंटी के तहत लोगों को रोजगार के लिए पैसे दिए जा रहे हैं और अभी तक करीब 10 करोड़ लोगों को 4 लाख रुपए दिया जा चुका है। इन पैसों से लोग अपना व्यवसाय तो कर ही रहे हैं और साथ ही साथ दूसरे लोगों को रोजगार देने का काम भी कर रहे हैं,’
उन्होंने आगे कहा,’ देश में छोटे से छोटा व्यवसाय करने वाला व्यक्ति भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। अगर जी टीवी के बाहर कोई व्यक्ति पकौड़े की दुकान लगाता है और रोज वह 200 रुपए कमाकर घर जाता है तो आप उसे रोजगार कहेंगे कि नहीं?’ उनके इसी जवाब पर पाटिदर आरक्षण समिति के मुखिया हार्दिक पटेल ने भी तंज किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,’बेरोजगार युवाओं को पकौड़े का ठेला लगाने का सुझाव एक चायवाला ही दे सकता है। अर्थशास्त्री ऐसा सुझाव नहीं देता।’
बेरोज़गार युवा को पकौडे का ठेला लगाने का सुझाव एक चायवाला ही दे सकता है, अर्थशास्त्री एसा सुझाव नहीं देता !!!!
— Hardik Patel (@HardikPatel_) January 22, 2018