ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक बिल पर मचे घमासान के बीच हलाला को गैर-इस्लामिक बताया है।बोर्ड का कहना है कि हलाला से इस्लाम का कोई ताल्लुक नहीं है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रटरी और सोशल मीडिया डेस्क के प्रभारी मौलाना मोहम्मद उमरैन महफूज रहमान ने रविवार को कहा, ‘हलाला को इस्लाम की चीज बताकर और बनाकर पेश किया गया है। पूरे देश में जिस हलाला को इस्लाम से जोड़कर देखा गया, इस्लाम की चीज कहा गया और इस्लाम के साथ मुसलमानों को बदनाम करने, औरतों पर जुल्म करने का ताना दिया गया, उस हलाला का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस्लाम में इसकी (हलाला) कोई गुंजाइश नहीं है। यह हराम है, गलत है, गुनाह है, पाप है।’
Halala ko Islam ki cheez bata kar bana kar pesh kiya hai&poore desh main jis Halala ko Islam ki taraf mansoob kiya gaya aur Islam ki cheez kaha gaya aur Islam&Muslamaano ko badnaam karne&aurton par zulmon karne ka taana diya gaya us Halala ka Islam se koi taalokh nahi hai: AIMPLB pic.twitter.com/YMd3ASxYqy
— ANI (@ANI) August 13, 2018
मौलाना मोहम्मद उमरैन ने AIMPLB की ओर से कहा कि सोशल मीडिया के जरिए तीन तलाक, शरियत और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसे में लोगों को इस्लाम और शरियत की सच्चाई से रूबरू कराना जरूरी है। इसके लिए AIMPLB सोशल मीडिया पर भी काम करना शुरू करने जा रही है।
बता दें कि पिछले दिनों निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और मामले को मुख्य याचिका के साथ संबद्ध कर दिया।