नई दिल्लीः भारतीय रेलवे (Indian railways) देश के चार बड़े रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौपने जा रही है। ताकि यात्रियों को उत्तम सेवाएँ मिल पाये। इन रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
रेल मंत्रालय की तरफ से बीते दिसंबर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली मंगायी गई थी। इसे बीते 26 जून को खोला गया था, जिसमें कुल 32 बोलियां मिली थीं। इनमें से 29 बोली को रेलवे ने स्वीकार कर लिया है। जिनकी बोली स्वीकार की गई है, उनमें इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी और क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) अजित कुमार सिंह ने कहा- ‘जंक्शन स्टेशन पर पहुंच रहे ट्रेन यात्रियों को कोरोना के चलते पहले चार नए चेक-इन काउंटरों के साथ एक बोर्डिंग हॉल में लाया जाएगा। कोरोनो वायरस संकट के चलते यात्रियों में इसका प्रसार रोकने और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन काउंटर्स को पूरी तरह से संपर्क रहित रखा जाएगा।
रेलवे अपने चुनिंदा स्टेशनों को हवाई अड्डे की तरह विकसित करना चाहता है, जिसे रेलोपोलिस नाम दिया गया है। इन स्टेशनों में रियल एस्टेट का हब भी विकसित किया जाएगा। वहां आवासीय फ्लैट तो होंगे ही, वहां मॉल और शैक्षणिक संस्थान भी बनाये जाएंगे। इन रेलवे स्टेशन में नई सुविधाएं शुरू करने में करीब 1,300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
बता दें कि इससे पहले 2019 में चंडीगढ़ आनंद विहार, सिकंदराबाद, पुणे और बेंगलूरु सिटी के रेलवे स्टेशन को 99 साल की लीज पर पर देने के लिए बोलियां लगाई गई थी ऐसे कुल मिलाकर 400 रेलवे स्टेशन है इनमें से 68 स्टेशनों का पुनर्विकास प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभ करने का निर्णय 2018 में ही ले लिया गया था।