आजकल भारतीय राष्ट्रीयता को लेकर हर रोज़ कोई ना कोई बता सामने आ रही है जहा अभी हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल दौरे के समय ये बयान दिया था की वो CAA कोरोना काल के खत्म होते ही लागू करेंगे वह आसाम में भी राष्ट्रीयता को लेकर बहस जारी जिसको लेकर अब हाई कोर्ट की फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल बेंच ने बयान दिया है।
इसमें कहा गया है की एक बार ट्रिब्यूनल ने किसी को भारतीय घोषित कर दिया है, तो उसी व्यक्ति को सामने लाने पर गैर-भारतीय घोषित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट का ये बयान आसाम में महत्त्व रखता है क्योंकि यहां ऐसे कई मामले देखे गए हैं जहां भारतीय घोषित किए गए व्यक्ति को कई बार फिर से अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए नोटिस भेजे जा चुके है।
राष्ट्रीयता से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति की नागरिकता के संबंध में ट्रिब्यूनल की राय ‘रेस ज्यूडिकाटा’ के रूप में काम करेगी इसका मतलब ये है कि मामला पहले ही तय हो चुका है और उसे फिर से अदालत में नहीं लाया जा सकता है और इसके लिए उस व्यक्ति को दोबारा भारतीय घोषित नहीं किया जा सकता है ।