आतंक के खिलाफ लड़ाई में इस्लामिक देशों से मिल रहा पूरा समर्थन: राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इस्लामी देशों का ‘पर्याप्त’ समर्थन मिल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमें दुनियाभर के इस्लामी देशों से पर्याप्त समर्थन मिल रहा है।’’ इस्लामी देशों के संगठन (ओआईसी) ने पहली बार अपनी बैठक में भारत की विदेश मंत्री को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि दुनिया के सभी देश आतंकवाद के सवाल पर एक मंच पर आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सभी महसूस करते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई जाति, पंथ या मजहब नहीं होता, लेकिन कभी-कभी कुछ लोग इसे कुछ धर्म से जोड़ने का प्रयास करते हैं, जो सही नहीं है।

गृह मंत्री यहां और गुवाहाटी में एनआईए के दो नये कार्यालय सह आवासीय परिसरों का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। इनका निर्माण एनबीसीसी इंडिया ने तकरीबन 77 करोड़ रुपये की लागत से किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) पर शोध प्रकोष्ठ शुरू करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्री ने यह भी कहा कि प्रभावी जांच और निगरानी के लिये 100 नए पद सृजित किये गए हैं।

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सांकेतिक फोटो

सिंह ने यहां कहा, ‘‘आतंकवाद के लिये धन मुहैया कराना आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाला बड़ा कारक है। जिस तरह से एनआईए ने अपनी भूमिका निभाई है, उसी का नतीजा है कि पहले की तुलना में आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने में गिरावट आई है।’’ उन्होंने कहा कि एनआईए और अन्य एजेंसियों के प्रयासों की वजह से जाली भारतीय नोटों के प्रसार में भी कमी आई है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने एनआईए को आईएसआईएस पर एक शोध प्रकोष्ठ गठित करने की मंजूरी दे दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एनआईए के मामलों में दोषसिद्धि की दर 92 फीसदी है। यह हमारे लिये गर्व का विषय है।’’ उन्होंने कहा कि एनआईए राज्य पुलिस और विभिन्न राज्यों के आतंकवाद निरोधक दस्ते जैसी अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल स्थापित करने में सफल रही है।

हैदराबाद स्थित एनआईए परिसर 12 हजार 572 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका निर्माण तकरीबन 37 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसमें प्रशासनिक कार्यालय और कर्मचारियों के लिये आवासीय फ्लैट भी हैं। गुवाहाटी परियोजना की लागत तकरीबन 40 करोड़ रुपये है और इसका निर्माण 9830 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। (भाषा)

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