उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रतन स्कवैयर स्थित पासपोर्ट सेवा कें अधिकारी द्वारा धर्म के नाम पर अपमानित करने के मामले मे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के दखल के बाद युवा जोड़े को पासपोर्ट मिल गया है।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित मोहम्मद अनस और उनकी पत्नी तनवी सेठ राजधानी के पासपोर्ट सेवा केंद्र पर पासपोर्ट रिन्यू कराने पहुंचे थे। इस दौरान पासपोर्ट ऑफिसर विकास मिश्रा ने अनस को धर्मपरिवर्तन कर हिन्दू धर्म अपनाने को कहा। इतना ही नहीं तनवी से सभी दस्तावेजों में अपना नाम बदलने का निर्देश दिया। जब दोनों ने मना कर दिया तो विकास ने उनको अपमानित किया।
हालांकि अब मामला सामने आने के बाद लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर ने कर्मचारी की ग़लती मानी और दंपति को पासपोर्ट जारी कर दिया गया है। आरोपी अधिकारी विकास मिश्रा का भी तबादला कर दिया गया।
लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि उनके पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं। आधिकारिक ने बताया जिस कर्मचारी की गलती थी उसके खिलाफ एक शो कॉज़ नोटिस (कारण बताओ नोटिस) जारी किया गया है और कार्रवाई भी की जाएगी। हमें इस घटना पर खेद है और यह सुनिश्चित होगा कि इसे दोहराया नहीं जाएगा।
पासपोर्ट मिलने के बाद पीड़ित पति अनस सिद्दकी ने कहा कि मुझसे अपना धर्म बदलने के लिए कहा गया। वहीं पत्नी ने कहा कि हमें आशा है कि यह किसी और के साथ नहीं होगा। शादी के 11 साल में हमने कभी इसका सामना नहीं किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने माफ़ी मांगी और हमें हमारे पासपोर्ट मिल गए है।
हालांकि आरोपी अफसर विकास मिश्रा का कहना है कि तन्वी सेठ के निकाहनामा पर उनका नाम ‘शादिया अनस’ लिखा हुआ था। मैंने उसी के अनुसार नाम लिखने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच करनी होती है कि कोई व्यक्ति पासपोर्ट के लिए अपना नाम तो नहीं बदल रहा है।