पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से नोटबंदी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का फैसला कर अपने मौलिक कर्तव्यों का मजाक उड़ाया हैं.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी और नौकरियों के सृजन पर काफी दुरागामी प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने नोटबंदी के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि आने वाले महीनों में ‘बेवजह’ कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, इस फैसले की वजह से ईमानदार हिन्दुस्तानियों को ‘भारी नुकसान’ होगा, और बेईमान और काला धन जमा करने वाले ‘हल्की-सी चोट के बाद’ बच निकलेंगे.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “बिना सोच-समझे किए गए एक ही फैसले से प्रधानमंत्री ने करोड़ों भारतीयों की आस्था और उस विश्वास को चकनाचूर कर दिया है, जो उन्होंने उनकी और उनके धन की रक्षा करने के लिए भारत सरकार में दर्शाया था…”
डॉ सिंह के अनुसार, “यह प्रत्यक्ष है कि रातोंरात अचानक लागू की गई नोटबंदी से करोड़ों भारतीय उपभोक्ताओं के विश्वास को ठेस पहुंची है, और इससे गंभीर आर्थिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं… अधिसंख्य भारतीयों की ईमानदारी की कमाई को रातोंरात खत्म कर दिए जाने और अब नए नोटों तक उनकी सीमित पहुंच के घाव मिलकर बहुत गहरे हो गए हैं, और जल्द ही नहीं भर पाएंगे…”