भोपाल | मध्य प्रदेश का टीकमगढ़ जिला फ़िलहाल सूखे की चपेट में है. जिसकी वजह से किसान बर्बाद की कगार पर पहुँच चूका है. ऐसे में किसानो के पास केवल मुआवजे का ही सहारा बचता है. लेकिन कानूनन यह तभी संभव है जब राज्य सरकार किसी जिले को सुखा ग्रस्त घोषित कर दे. इसी मांग को लेकर मंगलवार को काफी किसान जिला मुख्यालय पहुंचे. लेकिन कुछ देर बाद ही यह प्रदर्शन हिंसक हो गया.
दरअसल किसानो की जिद थी की वो कलेक्टर को ही अपनी मांगो का ज्ञापन सौपेंगे. लेकिन कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल अपने दफ्तर से बाहर नही आये. इस दौरान किसानो की पुलिस से झड़प हो गयी और प्रदर्शनस्थल पर पत्थरबाजी शुरू हो गयी. इसके बाद पुलिस ने किसानो पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. किसानो को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया. यही नही किसानो के ऊपर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए.
लेकिन पुलिस इस सब से भी संतुष्ट नही हुई. इसलिए जब किसान ट्रेक्टर ट्राली में भरकर अपने गाँव लौट रहे थे तो रास्ते में पुलिस ने दो ट्रेक्टर ट्राली को रोक लिया और किसानो को देहात थाने लाया गया. आरोप है की यहाँ पुलिस ने किसानो के कपडे उतारकर उनकी पिटाई की. करीब एक घंटे बाद पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह ने समर्थकों के साथ थाने जाकर किसानों को छुड़ाया.
न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार मंगलवार को कांग्रेस की तरफ खेत बचाओ- किसान बचाओ आंदोलन आहूत किया गया था. इस आन्दोलन में आस पास के जिले से काफी संख्या में किसान भाग लेने पहुंचे थे. किसानो की मांग थी की टीकमगढ़ को सुखाग्रस्त जिला घोषित किया जाए. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपने की जिद की तो प्रदर्शनकारियो और पुलिस में झड़प हो गयी जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया.
#BREAKING — Farmers beaten up, stripped in lockup by police following their protest to declare Tikamgarh district of MP as drought-hit. pic.twitter.com/X8bOsBCEC7
— News18 (@CNNnews18) October 4, 2017