विकास दुबे एन’काउंटर पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज उस वक्त हैरान हो गए जब कोर्ट के सामने विकास दुबे का काला चिट्ठा खोला गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि एक अपराधी के खिलाफ इतने मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत मिलने से वह ”स्तब्ध” है।
पीठ ने कहा, ” हम इस बात से चकित हैं कि विकास दुबे जैसे व्यक्ति को इतने सारे मामलों के बावजूद जमानत मिल गई। पीठ ने कहा, ” यह संस्थान की विफलता है कि जिस व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए, उसे जमानत मिली। इसके साथ ही कोर्ट ने इस दौरान यूपी सरकार को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में हो।
CJI ने कहा कि ‘हैदराबाद एन’काउंटर और विकास दुबे एन’काउंटर केस में एक बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे। ये (दुबे और सहयोगी) पुलिसकर्मियों के ह’त्यारे थे।’ CJI ने कहा कि ये बिल्कुल साफ है कि तेलंगाना वाले मामले में आरोपी बिना हथि’यार के थे।
Vikas Dubey encounter: You as a state have to uphold rule of law; it is your duty to do so, SC tells UP
— Press Trust of India (@PTI_News) July 20, 2020
इस दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कि कानून व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी आपकी है। आप का यह कर्तव्य भी है। अब अगली सुनवाई बुधवार को होगी। हालांकि यूपी सरकार का पक्ष रख रहे तुषार मेहता ने मुठभेड़ को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ सही थी, वो पैरोल पर था, हिरासत से भागने की कोशिश की।
बता दें कि यूपी सरकार ने मुठभेड़ की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज का न्यायिक आयोग बनाने की बात कही थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने इस पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव की बात कही।