अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में नागरिकता कानून के खिलाफ स्पीच देने के मामले में मुंबई से गिरफ्तार गोरखपुर के डॉ. कफील खान के खिलाफ योगी सरकार ने रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है।
बता दें कि डॉ. कफील खान आज यानि शुक्रवार को जमानत पर रिहा होने वाले थे। दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर योगेंद्र यादव के साथ डॉ. कफील ने एएमयू में भाषण दिया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने कफील को जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था।
इसी मामले में जमानत मिलने के बाद 10 फरवरी के बाद उनकी रिहाई की तैयारी थी। हालांकि, अब जिला प्रशासन ने डॉ. कफील पर एनएसए के तहत मुकदमा लिखा है। देर रात डॉ कफील की रिहाई का आदेश मथुरा जिला कारागार को मिला था, लेकिन देर रात होने के चलते उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया।
Dr Kafeel Khan was in transit remand under Uttar Pradesh Special Task Force (UPSTF). He is accused of making instigating remarks at Aligarh Muslim University (UP) during protest against Citizenship Amendment Act on 12 Dec, 2019. https://t.co/D624t4McRZ
— ANI UP (@ANINewsUP) February 14, 2020
सुबह होते ही जब उनकी रिहाई की तैयारी की जा रही थी। तभी अलीगढ़ प्रशासन की तरफ से NSA की कार्रवाई का नोटिस मथुरा जिला कारागार को मिला। इसके बाद डॉ कफील की रिहाई को रोक दिया गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम सरकार को किसी भी व्यक्ति को हिरासत में रखने की शक्ति देता है। इस क़ानून के तहत किसी भी व्यक्ति को एक साल तक जेल में रखा जा सकता है। हालांकि तीन महीने से ज़्यादा समय तक जेल में रखने के लिए सलाहकार बोर्ड की मंज़ूरी लेनी पड़ती है। रासुका उस स्थिति में लगाई जाती है जब किसी व्यक्ति से राष्ट्र की सुरक्षा को ख़तरा हो या फिर क़ानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो।