इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को डॉक्टर कफील खान (Dr Kafeel Khan) की हिरासत रद्द करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने कर आदेश दिया है। इसी के साथ उन पर योगी सरकार की और से की गई NSA के तहत हिरासत में लेने और हिरासत की अवधि को बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार दिया।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल की पीठ ने कफील की मां नुजहत परवीन की याचिका पर आदेश जारीं कर कहा किNSA के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है। कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए।
वहीं दूसरी और दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में महिला संगठन ‘पिंजरा तोड़’ की देवांगना कलिता को भी जमानत दे दी है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कलिता को 25,000 रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने उन्हें गवाहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करने का निर्देश दिया। सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बाद भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मई में नताशा नरवाल के समूह की कलिता और अन्य सदस्यों को मई में गिरफ्तार किया था।
उन पर दंगा करने, गैरकानूनी तरीके से जमा होने और हत्या की कोशिश करने सहित भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। देवांगना कलिता की जिस मामले में जमानत हुई वो मामला 26 फरवरी को जाफराबाद में हुई हिंसा से जुड़ा है।