नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने जवाहर लाल नेहरू को लेकर दिए गए बयान पर मचे विवाद के बाद माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान की वजह से विवाद हुआ। यदि मैंने कुछ गलत कहा तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।
बुधवार को गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के एक कार्यक्रम में दलाई लामा ने दावा किया महात्मा गांधी चाहते थे कि मोहम्मद अली जिन्ना प्रधानमंत्री बनें लेकिन पंडित नेहरु इसके लिए तैयार नहीं हुए। जिसकी वजह से देश का बंटवारा हुआ। दलाई लामा ने कहा कि तब प्रधानमंत्री बनने की चाहत में नेहरू ने आत्मकेंद्रित रवैया नहीं अपनाया होता तो देश का बंटवारा नहीं होता।
My statement has created controversy, if I said something wrong I apologise: Dalai Lama on his statement, "Mahatma Gandhi ji was very much willing to give Prime Ministership to Jinnah but Pandit Nehru refused." pic.twitter.com/jjIEmc280E
— ANI (@ANI) August 10, 2018
उन्होंने कहा था, ‘मैं पंडित नेहरू को बहुत अच्छी तरह जानता हूं, वह बेहद अनुभवी और बुद्धिमान व्यक्ति थे, लेकिन कभी-कभी गलतियां हो जाती हैं।’ जिंदगी में सबसे बड़े भय का सामना करने के सवाल पर 84 साल के धर्मगुरू ने उस दिन को याद किया जब उन्हें उनके समर्थकों के साथ तिब्बत से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने याद किया कि कैसे तिब्बत और चीन के बीच समस्या बदतर होती जा रही थी। चीन के अधिकारियों का रवैया दिन ब दिन अधिक आक्रामक होती गईं।
इस बयान पर कांग्रेस नेता शाक्ति सिंह गोहिल ने केन्द्र की मोदी सरकार का हाथ होने की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि दलाई लामा को बहुत सम्मान की निगाह से देखता हूं और किसी धर्मगुरु के खिलाफ कोई बयानबाजी में विश्वास नहीं करता हूं। सच्चाई सामने जरूर आएगी और पता चलेगा कि कैसे बयानबाजी के पीछे कोई ना कोई मोदी की चाल जरूर निकलेगी।
वहीं बीजेपी नेता सीपी ठाकुर ने कहा था कि ये दलाई लामा जी की ऐसी सोच है लेकिन ऐसी समस्या हो गई थी कि जिन्ना जी भी नहीं सोच सकते थे कि हिन्दुस्तान के पीएम बनेंगे।